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तेज बहादुर का सनसनीखेज दावा- भाजपा से 50 करोड़ का ऑफर था, नाम बताया तो हो सकती है हत्या
BY Jan Shakti Bureau3 May 2019 3:58 PM IST
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Jan Shakti Bureau3 May 2019 3:58 PM IST
वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को पर्चा भरने वाले तेज बहादुर यादव ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वाराणसी से चुनाव नहीं लड़ने के बदले उन्हें 50 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद से ही भाजपा के कुछ नेता उनसे संपर्क में थे। तेज बहादुर यादव ने हालांकि किसी नेता का नाम नहीं बताया है। उनका कहना है कि भाजपा के लोगों से उन्हें जान का खतरा है। मालूम हो कि सीमा सुरक्षा बल(बीएसएफ) से बर्खास्त जवान तेज बहादुर का नामांकन बुधवार को रद्द किया जा चुका है। ऑफर देने वालों का नाम उन्होंने बताने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि नाम बताने पर उनकी हत्या कराई जा सकती है। नामांकन खारिज होने के बाद गुरुवार को वह पहली बार मीडिया के सामने आए थे। उन्होंने कहा कि उन्हें पहले से ही आशंका थी कि पर्चा खारिज कराने के लिए भाजपा सारे हथकंडे अपनाएगी, इसलिए ही उनके साथ शालिनी यादव ने भी सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया था।
सपा की शालिनी से बंधवाई राखी, करेंगे मोदी के खिलाफ प्रचार
गुरुवार को सपा प्रत्याशी शालिनी यादव ने तेज बहादुर को राखी बांधी। तेज बहादुर ने कहा कि वह पांच भाई हैं, लेकिन बहन नहीं थी। शालिनी के रूप में उन्हें बहन मिल गई है। बहन की जीत के लिए अपनी जान दांव पर लगा दूंगा। तेज बहादुर पीएम मोदी के खिलाफ शालिनी यादव के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। तेज ने कहा कि मैं वाराणसी की गलियों में पैदल घूम-घूमकर शालिनी यादव के समर्थन में मोदी जी के खिलाफ वोट मांगूंगा। शालिनी यादव ने राखी बांधने के बाद कहा कि मेरे लिए बड़े सौभाग्य की बात है। यह रिश्ता राजनीति से परे है और आजीवन बना रहेगा।
पीएम मोदी जैसे दिखते हैं, वैसे हैं नहीं
तेज बहादुर ने कहा कि पहले मुझे पीएम मोदी पर भरोसा था कि वो मेरे और देश लिए कुछ करेंगे। इसलिए उन्होंने वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला था। बाद में जब पता चला कि मोदीजी जो दिखते हैं वो हैं नहीं। नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया, बेटे की हत्या करा दी गई। तभी मोदीजी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया था। मालूम हो कि तेज बहादुर यादव के नामांकन पत्र की जांच के बाद पता चला कि जो दो बार उन्होंने पर्चे दाखिल किए, उसमें बीएसएफ से बर्खास्तगी को लेकर दो अलग-अलग जानकारी दी गई थी। इसके बाद उन्हें 24 घंटे के अंदर बीएसएफ से एनओसी लेकर आने के लिए कहा गया, जिसमें उनको बर्खास्त करने की वजह साफ बताई गई हो। जिला निर्वाचन पदाधिकारी के अनुसार तेज ऐसा करने में नाकाम रहे, इसलिए उनका नामांकन रद्द कर दिया गया।
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