Exclusive: भ्रष्टाचार तो बस बहाना था असली मक़सद बिहार पर भगवा झंडा लहराने था!
BY Jan Shakti Bureau29 July 2017 10:25 PM IST

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Jan Shakti Bureau29 July 2017 10:25 PM IST
नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया और आधे घंटे के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई दे दी। मोदी ने भ्रष्टाचार से लड़ने की बधाई दी। वैसे देश के लोग बहुत दिनों से इंतजार कर रहे हैं कि मोदी एक बार व्यापम और छत्तीसगढ़ के अरबों के भ्रष्टाचार पर भी कुछ बोलते। खैर मुद्दा भ्रष्टाचार है नहीं, न ही आपराधिक मामले का है। लालू यादव बता रहे हैं कि कितने गंभीर मामले नीतीश कुमार पर चल रहे हैं जो नैतिकता का चोला पहने हुए हैं।
पहले से ही तैयार थी पटकथा
यह तो बिहार पर भगवा लहराने की रणनीति का हिस्सा है। मोदी के अश्वमेध के घोड़े को पहले दिल्ली फिर बिहार ने ही रोका था। दिल्ली में जितना करना था सब किया गया और फिर बिहार का खेल भाजपा ने ठीक से खेला। इस खेल को केंद्र सरकार ने सीबीआई के जरिए ठीक से खेला। एफआईआर से लेकर छापा मारकर राजनैतिक दबाव बनाया गया। सिर्फ इसलिए की नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार को गठबंधन तोड़ने का मौका मिले। पूरी स्क्रिप्ट जैसी लिखी गई थी ठीक वैसे ही बिहार के राजनैतिक मंच पर यह खेल खेला गया। शुरुआत छापों से हुई तो पटाक्षेप राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार कोविंद को समर्थन देने से हुआ।यहां तक कि इस्तीफा के फैसले पर भी उन्होंने गठबंधन के नेताओं के साथ विश्वासघात किया। किसी को भी भरोसे में नहीं लिया पर भाजपा को यह संदेश जरूर दे दिया था। नीतीश यह तैयारी पहले से कर रहे थे। ध्यान से देखें उत्तर प्रदेश चुनाव से ही नीतीश कुमार ने भाजपा को मदद करना शुरू कर दिया था।
उत्तर प्रदेश चुनाव में ही में दे दिए थे संकेत
उत्तर प्रदेश चुनाव में नीतीश कुमार जानबूझ कर समाजवादी पार्टी के पक्ष में प्रचार करने नहीं आए। इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने दबाव डाला था पर वे नहीं माने। और तो और उत्तर प्रदेश में उन्होंने अपने प्रदेश अध्यक्ष को ही इसलिए हटा दिया क्योंकि उसने समाजवादी पार्टी को समर्थन कर दिया था। ऐसे में नीतीश कुमार की रणनीति पहले से साफ़ थी। वे भाजपा के साथ जा सकते हैं इसकी संभावना काफी समय से जताई जा रही थी। बिहार प्रदेश भाजपा ने साफ़ कर दिया है कि वह नीतीश कुमार को समर्थन देने को तैयार है क्योंकि वह चुनाव में नहीं जाना चाहती है। नीतीश भी कह चुके हैं कि वे बिहार के हित में कोई भी पहल कर सकते हैं। बहरहाल नीतीश कुमार के जरिए मोदी शाह को विपक्षी एकता में पलीता लगाने में कामयाबी तो मिल ही गई है। और मोदी नीतीश की जुगलबंदी भी सामने आ गई है।
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