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Headache after Exercise: व्यायाम करने के बाद क्यों होता है सिरदर्द, जानें इसे कैसे रोका जा सकता है

Headache after Exercise: कुछ लोगों के लिए दौड़ लगाना सुखद हो सकता है जो उनमें कुछ समय के लिए ही सही, ऊर्जा व उत्साह की भावना उत्पन्न कर दे.... हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए यह सिरदर्द की वजह बन जाता है.

Headache after Exercise: व्यायाम करने के बाद क्यों होता है सिरदर्द, जानें इसे कैसे रोका जा सकता है
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Headache after Exercise: कुछ लोगों के लिए दौड़ लगाना सुखद हो सकता है जो उनमें कुछ समय के लिए ही सही, ऊर्जा व उत्साह की भावना उत्पन्न कर दे.... हालांकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए यह सिरदर्द की वजह बन जाता है. शोधकर्ताओं ने 1968 में पहली बार व्यायाम या थकावट से सिरदर्द के बारे में जानकारी दी थी. अक्सर दौड़ने, छींकने, भारी सामान उठाने या यौन संबंध बनाने जैसी अत्यधिक या अति उत्साही शारीरिक गतिविधि करने बाद ऐसा होता है.

हर एक व्यक्ति में इसके लक्षण अलग-अलग होते हैं। थकावट से सिरदर्द में आमतौर पर सिर के दोनों किनारों पर कम्पन महसूस होता है, जिसे कुछ लोग ‘माइग्रेन’ के समान बताते हैं. यह कुछ मिनट से लेकर कुछ दिनों तक रह सकता है। कई लोगों को कई बार रुक-रुककर सिरदर्द हो सकता है. हालांकि, इसके एक से 26 प्रतिशत वयस्कों (और 30 प्रतिशत किशोरों तक) को प्रभावित करने के बावजूद थकावट से होने वाले सिरदर्द को लेकर वैज्ञानिक आंकड़े कम ही हैं.

ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि इससे इतना अधिक दर्द नहीं होता कि लोग व्यायाम करना बंद कर दें। लोग इस पर ध्यान तब देते हैं जब यह लक्षण अन्य सिरदर्द (जैसे माइग्रेन) का रूप ले लेते हैं और इसलिए लोगों का इलाज भी उसी बीमारी का किया जाता है. इसलिए संभावना है कि हम जितना सोचते हैं, इसके मामले उससे काफी अधिक हो सकते हैं.

अध्ययन में जब कम संख्या में लोगों को शामिल किया गया तो सिरदर्द 22 से 40 वर्ष की आयु के लोगों में सबसे आम दिखा, हालांकि इसके लक्षण अक्सर 30 वर्ष की आयु से पहले दिखने शुरू हो गए थे. अध्ययन में शामिल इससे पीड़ित लोगों में से 80 प्रतिशत के अनुसार, पुरुषों के इससे अधिक पीड़ित होने की आशंका है. अधिक स्पष्ट रूप से इसको समझने के लिए और अध्ययन की आवश्यकता होगी कि क्या पुरुषों के इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक है और है तो क्यों.

जब हम व्यायाम करते हैं, तो मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे शरीर के सही तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि सीओ2 यानी कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा और दिमाग में उत्पन्न गर्मी से निजात पाने की जरूरत है. इससे निपटने के लिए हमारी रक्त वाहिकाएं फैलती हैं और इस खिंचाव से दर्द हो सकता है.

हर किसी की शारीरिक रचना और शरीर क्रिया विज्ञान अलग-अलग होते हैं, जिस कारण व्यायाम करते समय कुछ लोगों के शरीर की मांगें अतिरिक्त हो सकती हैं और उनका संचार तंत्र पर असर अधिक पड़ने से खिंचाव दर्द का कारण बन सकता है.

गर्मी के मौसम में व्यायाम करना इसका एक उदाहरण है. मस्तिष्क का तापमान स्वाभाविक रूप से शरीर के बाकी हिस्सों से अधिक रहता है और पसीने के जरिए गर्मी को कम नहीं किया जा सकता. गर्मी से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका मस्तिष्क के माध्यम से रक्त के प्रवाह को बढ़ाने के लिए रक्त वाहिकाओं का फैलना है, जिससे गर्मी को कुछ हद तक दूर करने में मदद मिलती है.

व्यायाम करने के कुछ समय बाद थकावट से होने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है। ऐसा आमतौर पर एक या दो घंटे के भीतर होता है, जब आपकी हृदय गति कम हो जाएगी और मस्तिष्क से ऑक्सीजन की कम मांग होगी.

अगर पानी की कमी के कारण आपको सिरदर्द हो रहा है तो खत्म होने में संभवतः इसे थोड़ा अधिक समय लगेगा जब तक कि आप अपने शरीर की मांग जितना तरल पदार्थ ग्रहण न कर लें। इसमें आमतौर पर लगभग तीन घंटे लग जाते हैं.

यदि लक्षण बने रहते हैं या आपका सिरदर्द काफी दर्दनाक हो तो दर्द से निदान दिलाने वाली ‘ओवर-द-काउंटर’ दवाएं (बिना चिकित्सकीय सलाह के दी जाने वाली दवाएं) - जैसे पैरासिटामोल या इबुप्रोफेन लेने से आपको राहत मिल सकती हैं. हालांकि अगर थकावट से होने वाला सिरदर्द बना रहे या बार-बार इसका अनुभव हो तो चिकित्सकीय सलाह के आधार पर कुछ और दवाइयां ले सकते हैं जिससे इसके लक्षण कम हो पाएं.

निम्न बातों को ध्यान रखकर आप थकावट से होने वाले सिरदर्द के लक्षणों को शुरुआत में ही रोक सकते हैं. पर्याप्त पानी पीना जरूरी है. यह सुनिश्चित करता है कि मस्तिष्क की रक्त वाहिकाएं ठीक से काम कर सकें. पर्याप्त आराम भी जरूरी है यह सुनिश्चित करेगा कि मस्तिष्क सही तरीके से काम करे.

हालांकि थकावट से होने वाला सिरदर्द परेशानी का कारण भी बन सकता है. इससे बचने के लिए पहले मामूली व्यायाम करके भारी व्यायाम के लिए शरीर को तैयार करें. अन्य प्रकार के व्यायाम करें जिनमें लगातार हृदय गति न बढ़े जैसे योग या भारोत्तोलन फायदेमंद हो सकता है.

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