शेयर बाजार में एक दिन में डूबे 7 लाख करोड़, 1407 अंक गिरकर बंद हुआ सेंसेक्स
देश के शेयर बाजारों में आज भारी गिरावट दर्ज की गई, बाज़ार के हर सेक्टर, हर सेगमेंट में देखने को मिली इस गिरावट के लिए कोरोना की नई लहर को ज़िम्मेदार माना जा रहा है
जनशक्ति: देश के शेयर बाजार आज भारी गिरावट के साथ बंद हुए। बाज़ार के हर सेगमेंट और हर सेक्टर में भारी बिकवाली के चलते बीएसई का सेंसेक्स 1407 अंक टूटकर 45,553.96 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 432 अंक टूटकर 13,328.40 पर बंद हुआ है। सबसे अधिक गिरावट बैंकिंग सेक्टर में देखने को मिली है।
निवेशकों के डूबे 7 लाख करोड़
बाजार की इस भारी गिरावट में निवेशकों को भयानक नुकसान हुआ है। आज के कारोबार में बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 7 लाख करोड़ रुपये घट गया है। शुक्रवार 18 दिसंबर को बीएसई की लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 1,85,38,636.70 करोड़ रुपये था, जो कारोबारी हफ़्ते के पहले दिन आज यानी 21 दिसंबर को घटकर 1,78,33,232.91 करोड़ रुपये रह गया। यानी निवेशकों की दौलत एक ही दिन में करीब 7 लाख करोड़ रुपये घट गई।
सबसे अधिक गिरावट वाले शेयर
आज के कारोबार में सेंसेक्स 30 के सभी 30 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। सबसे ज्यादा ओएनजीसी में करीब 10 फीसदी गिरावट रही। इंडसइंड बैंक में 7 फीसदी गिरावट रही है। M&M 6 फीसदी टूटा है। एसबीआई में 6 फीसदी, एनटीपीसी में 6 फीसदी और आईटीसी में 5 फीसदी गिरावट रही है। एक्सिस बैंक, पावरग्रिड और आईसीआईसीआई बैंक भी टॉप लूजर्स में शामिल हैं।
बैंक, आटो और मेटल में भारी गिरावट
आज के कारोबार में बाजार में चौतरफा बिकवाली रही है। निफ्टी के सभी प्रमुख 11 इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। बैंक और ऑटो इंडेक्स में 4 फीसदी और मेटल इंडेक्स में 5 फीसदी गिरावट रही है। रियल्टी इंडेक्स भी 4 फीसदी से ज्यादा टूटा है। फार्मा में 3.5 फीसदी, एफएमसीजी में 2.5 फीसदी और आईटी इंडेक्स में 2 फीसदी के करीब गिरावट रही है।
क्यों आई इतनी ज़बरदस्त गिरावट
इंग्लैंड सहित यूरोप के कुछ देशों में कोरोना वायरस के नए तरह के स्ट्रेन सामने आए हैं, जिनके बेकाबू हो जाने की ख़बरों ने घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट ला दी है। नए तरह के कोरोना वायरस के चलते आज स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इमरजेंसी बैठक भी की। जिसके बाद ब्रिटेन से आने वाली सभी फ्लाइट्स पर पाबंदी लगा दी गई है। ऐसी निगेटिव ख़बरों से बाज़ार में निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ गया, जिससे जमकर बिकवाली हुई। बाज़ार में अचानक आई इस भारी गिरावट की सबसे बड़ी वजह यही मानी जा रही है।