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Durg Case : गांजा रखना किस तरह का अपराध है? गांजा रखने पर कितने साल की हो सकती है सज़ा?

बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत (SSR Death case) के बाद से हिंदी फिल्म और टीवी उद्योग (Hindi Film Industry) के साथ ड्रग्स कारोबार के कनेक्शन (Bollywood Drugs Connection) को लेकर सुर्खियां लगातार बनी हुई हैं. जानिए कि कितनी मात्रा में गांजा रखने पर किस तरह सज़ा हो सकती है.

Durg Case : गांजा रखना किस तरह का अपराध है? गांजा रखने पर कितने साल की हो सकती है सज़ा?
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बॉलीवुड (Bollywood) के ड्रग्स कनेक्शन से जुड़ी खबरें लगातार बनी हुई हैं तो यह जिज्ञासा कई लोगों के मन में है कि गांजा रखने पर क्या सज़ा (Punishment for Ganja Possession) हो सकती है? यह तो सबको पता ही है कि भारत में गांजे की खेती करना, व्यापार, तस्करी या सेवन करना अपराध है ही, लेकिन यह भी अपराध है कि आप अपने पास गांजा रखे हुए हों. जी हां, इसके लिए कानूनन तय किया गया है कि किसी व्यक्ति के पास गांजा पाए जाने पर किस तरह से उसे सज़ा दी जा सकती है और किस तरह उस पर केस चल सकता है.

खबरों की मानें तो कॉमेडी कलाकार भारती सिंह और उनके पति ​हर्ष के घर से 100 ग्राम से कम मात्रा में गांजा पाए जाने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया. क्या आपको पता है कि इतनी कम मात्रा में भी गांजा रखने पर क्या सज़ा हो सकती है? यह किस तरह दंडनीय अपराध है? आइए गांजा रखने को लेकर आपको कायदे कानून के बारे में बताते हैं.

एनडीपीएस एक्ट का सेक्शन 20

नारकोटिक्टस ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट, 1985 के तहत उन मामलों में कार्रवाई की जाती है, जो ड्रग्स से जुड़े होते हैं. इस एक्ट में नारकोटिक और साइकोट्रॉपिक रसायनों को लेकर प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इन केमिकलों या दवाओं पर कंट्रोल करने वाले कानून एनडीपीएस एक्ट को हिंदी में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी अधिनियम, 1985 कहते हैं. इस कानून को नशीली दवा और मादक पदार्थ अधिनियम 1985 भी कहा जाता है.

साल 1985 में संसद से पारित हुआ यह कानून किसी व्यक्ति को मादक दवाओं के निर्माण, उत्पादन, खेती, स्वामित्व, खरीद, भण्डारण, परिवहन, उपभोग करने या रखने के लिए प्रतिबंधित करता है. इस NDPS एक्ट के सेक्शन 20 के अंतर्गत जो प्रावधान हैं, उन्हें देखिए.

  • सबसे पहले यह सेक्शन यह प्रावधान देता है कि इसके किसी भी नियम के उल्लंघन पर सज़ा दी जाएगी.
  • यह सेक्शन कैनेबी यानी भांग के पौधे को उगाने को प्रतिबंधित करता है.
  • उत्पादन, खरीद फरोख्त, परिवहन, आयात निर्यात के साथ ही पज़ेशन यानी इस पौधे के उत्पाद गांजे को रखना भी दंडनीय है. इसके लिए कठोर कैद की सज़ा का प्रावधान है, जो मात्रा के हिसाब से तय हो सकती है.
  • मात्रा अगर कम हो तो छह महीने या एक साल तक कठोर कैद के साथ ही 10 हज़ार रुपये तक जुर्माना हो सकता है या दोनों. ज़्यादा मात्रा होने पर एक लाख रुपये कम से कम जुर्माने के साथ ही 20 साल तक की कठोर कैद की सज़ा संभव है.

कितनी मात्रा पर है क्या प्रावधान?

गांजा रखने के लिए सज़ा इस बात पर तय होती है कि उसकी मात्रा कितनी है. अगर यह कमर्शियल मात्रा में है तो ज़्यादा मात्रा वाली सज़ा का प्रावधान लागू होता है और अगर कम से कमर्शियल मात्रा के बीच है तो 10 साल तक की कठोर कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना संभव है. अब सवाल यह है कि कितनी मात्रा किस श्रेणी में मानी गई है.

गांजा रखने के लिहाज़ से 1 किलोग्राम तक की मात्रा को छोटी मात्रा माना जाता है और कमर्शियल मात्रा 20 किलोग्राम तक की है. इसके बीच की मात्रा यानी 1 किलोग्राम से ज़्यादा और 20 किलोग्राम की मात्रा के मामले में क्या सज़ा हो सकती है, यह भी बताया जा चुका है. अब अगर भारती के केस की बात करें तो यह मात्रा छोटी मात्रा के दायरे में है क्योंकि यह 1 किलोग्राम से कम है.

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