Farmers Protest: किसानों और सरकार के बीच आज की बैठक भी बेनतीजा, 15 जनवरी को फिर वार्ता
केंद्र सरकार और किसानों के बीच तीन नए कृषि कानूनों (Fram Laws) को लेकर बने गतिरोध को दूर करने के लिए आज (8 जनवरी) हुई आठवें दौर की बातचीत भी बनेतीजा रही है। अब 15 जनवरी को किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बैठक होगी।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसानों के बीच तीन नए कृषि कानूनों (Fram Laws) को लेकर बने गतिरोध को दूर करने के लिए आज (8 जनवरी) हुई आठवें दौर की बातचीत भी बनेतीजा रही है। अब 15 जनवरी को किसान नेताओं और सरकार के बीच अगली बैठक होगी।
15 जनवरी को सरकार द्वारा फिर से बैठक बुलाई गई है। सरकार क़ानूनों में संशोधन की बात कर रही है, परन्तु हम क़ानून वापिस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे : किसान नेता, सरकार के साथ मुलाकात के बाद #FarmersProtest pic.twitter.com/4NQTDvmmul
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2021
दिल्ली के विज्ञान भवन में आज सरकार की ओर से केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्यमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्यमंत्री सोम प्रकाश और किसानों की ओर से 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हुए। बैठक से पहले दोनों ही पक्ष किसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन बैठक में कोई हल नहीं निकला और 15 जनवरी को फिर से बैठक की तारीख तय कर वार्ता खत्म कर दी गई।
कृषि कानून को लेकर पिछले करीब एक महीने से ज्यादा दिनों से आंदोलन कर रहे किसानों और सरकार के बीच आज आठवें दौर की वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई. वार्ता से पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि आज की बैठक में हल जरूरत निकल जाएगा. क्योंकि सरकार की तरफ से बैठक होने से पहले उम्मीद जताई गई थी कि आज के बैठक में किसान सरकार की बातों को मान जाएंगे. लेकिन सरकार और किसानों के बैठक को लेकर जो खबर है. उसके अनुसार आज की बैठक में भी कोई हल नहीं निकला अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी.
किसान नेताओं के अनुसार सरकार के साथ उनकी बातचीत जरूर हुई. लेकिन बातचीत में सरकार का कहना है कि वह कानून में संशोधन करने को तैयार है. जिस पर किसानों ने सरकार से साफ़ शब्दों में कहा कि उन्हें कानून में संशोधन नहीं बल्कि वे चाहते हैं पूरे कानून को ही रद्द किया जाए. जिस पर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध बढ़ गया और बैठक में कोई नतीजा निकले ही बैठक को रद्द कर अब अगली दौर की बैठक 15 जनवरी को बुलाई गई हैं.
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच 7 बार वार्ता हो चुकी हैं. सात बार के वार्ता में सरकार ने उनकी चार मांगों में दो मांगेबिजली के प्रस्तावित बिल को वापिस लेने के साथ ही पराली के मामले में अध्यादेश सरकार की तरफ सेस जो जारी किया था, उसे भी वापिस लेंने को लेकर राजी हो गई है. लेकिन दो मांगे MSP को जारी रखने और कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग पर बातचीत चल रही हैं.