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पहले जनता की जमा पूंजी पर चलाई कैंची, जब याद आया चुनाव है तो लिया यू टर्न

देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा." इसके साथ ही उन्होंने इसे 'चूक' (Oversight) भी करार दिया है।

पहले जनता की जमा पूंजी पर चलाई कैंची, जब याद आया चुनाव है तो लिया यू टर्न
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देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर वही रहेगी जो 2020-2021 की अंतिम तिमाही में थी, यानी जो दरें मार्च 2021 तक थीं। पहले दिया गया आदेश वापस लिया जाएगा." इसके साथ ही उन्होंने इसे 'चूक' (Oversight) भी करार दिया है।

आपको बता दें कि सरकार ने बुधवार को आदेश जारी कर कहा था कि बचत खातों में जमा राशि पर ब्याज दर 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी सालाना कर दी गई हैं। कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर 7.1 से घटाकर 6.4 फीसदी सालाना कर दी गई है। पहले से महंगाई और कोरोना महामारी की मार झेल रहे मध्यमवर्गीय लोगों के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं था। सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का चारों तरफ विरोध हो रहा था।

लगातार हो रही पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैंस और सब्ज़ियों के दाम में बढ़ोतरी से पहले ही आम आदमी की गृहस्थी मुश्किल में पड़ रही थी उसके बाद सरकार द्वारा लोगों की बचत पर ब्याज में कटौती गरीबी में आटा गीला हो जाने जैसी बात थी। सरकार को शायद यह एहसास हुआ कि इस कदम से 5 राज्यों में चल रहे चुनावों पर असर हो सकता है तो आनन फानन में इस फैसले को रातों रात पलट दिया गया।

सरकार द्वारा लिए गए इस कदम की चारों तरफ यह कहकर आलोचना हो रही है कि अगर चुनाव न होते तो शायद सरकार आम आदमी की जेब ढीली करने में ज़रा सी कसर भी नहीं छोड़ती। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस कदम को चूक करार दिया तो इसपर प्रियंका गांधी ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या केंद्र सरकार का रातोंरात सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को वापस लेना का मामला 'चूक' (Oversight) है या फिर ऐसा चुनाव को देखते हुए किया गया है। वित्तमंत्री द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द ओवरसाईट का भी सोशल मीडिया पर खूब मज़ाक बनाया जा रहा है।


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