गाजीपुर बॉर्डर : पुलिस की कीलों के पास किसान लगाएंगे फूल
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है, वहीं गणतंत्र दिवस के बाद से बॉर्डर्स पर पुलिस द्वारा सुरक्षा बढ़ाई गई है, इस दौरान कटीले तार और नुकीली कीलें भी गईं। अब इन्ही किलों के पास किसान फूल लगाएंगे।
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन जारी है, वहीं गणतंत्र दिवस के बाद से बॉर्डर्स पर पुलिस द्वारा सुरक्षा बढ़ाई गई है, इस दौरान कटीले तार और नुकीली कीलें भी गईं। अब इन्ही किलों के पास किसान फूल लगाएंगे। गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता ने पुलिस द्वारा लगाई गई नुकीली कीलों का जवाब ढूंढ लिया है जो कि बेहद दिलचस्प भी है।
दरअसल शुक्रवार शाम गाजीपुर बॉर्डर पर अचानक दो डंपर मिट्टी के मंगाए गए, बॉर्डर पर खड़ा हर कोई हैरान था कि आखिर ये क्यों मंगाई गई है। लेकिन कुछ मिनट बाद जो हुआ उसे देख हर कोई चौंक गया। पुलिस द्वारा बॉर्डर पर जहां नुकीली कीलें लगाई गई थीं, वहीं पर इस मिट्टी को डलवाया गया। थोड़ी देर बाद राकेश टिकैत ने अपने हाथों में फावड़ा ले लिया और मिट्टी के ढ़ेर को बराबर करने लगे।
हालांकि आस पास खड़े किसानों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि "पुलिस जहां कीलें लगायेंगी, हम वहीं फूल लगाएंगे।" कुछ देर बाद नुकीली कीलों की जगह पर सांकेतिक फूल लगाए गए, जिन्हें बाद में हटा लिया गया। हालांकि किसानों के अनुसार कल सुबह यहां फूल लगाएंगे।
राकेश टिकैत ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि, "जो भी व्यक्ति आंदोलन में हिस्सा लेने आ रहे हैं, वह अपने खेतों की मिट्टी साथ लेकर आए और जब यहां से वापस जाएं तो यहां की मिट्टी अपने साथ ले जाएं। फिर उस मिट्टी को खेतों में मिला दें।" उन्होंने आगे कहा कि, "युवाओं को मिट्टी से जोड़ना है, हर गांव में किसान क्रांतिकारी मिट्टी को पहुचाएंगे।"