Ghazipur Farmers Protest: BJP के इस कदम से खत्म होते-होते रह गया गाजीपुर बॉर्डर का धरना!
गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा, उत्सात और लाल किले पर तांडव के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता हुआ दिख रहा था। कई किसान संगठनों ने आपने आंदोलन को खत्म करते हुए धरना स्थल से वापस लौटने लगे। सिंधू, टिकड़ी और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसानों के उत्साह में भी कमी आई गई
नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा, उत्सात और लाल किले पर तांडव के बाद किसानों का आंदोलन कमजोर पड़ता हुआ दिख रहा था। कई किसान संगठनों ने आपने आंदोलन को खत्म करते हुए धरना स्थल से वापस लौटने लगे। सिंधू, टिकड़ी और गाजीपुर बॉर्डर पर जमे किसानों के उत्साह में भी कमी आई गई। लोग धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौटने लगे। लाल किला घटना के बाद आम और स्थानीय लोगों का समर्थन भी इनके खिलाफ होने लगा। किसानों के आंदोलन को कमजोर पड़ता देख उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर जारी किसानों आंदोलन को अपने तरीके से निपटने की कोशिश में आ गई।
उत्तर प्रदेश प्रशासन ने बुधवार को गाजिपुर बॉर्डर पर बिजली काट दी, पानी की सुबिधा खत्म कर दी। गुरुवार को प्रशासन किसान आंदोलन की सप्लाई चैन को लगभग ठप करने की कोशिश है। इन सबके बीच यहां धरना दे रहे किसानों का पलायन भी जारी रहा है। शाम होते-होते राकेश टिकैत की अगुवाई में चंद किसान ही धरना स्थल पर बचे। वहीं गाजीपुर बॉर्डर को प्रशासन ने छावनी में तब्दील कर दी। भारी तादाद पुलिस फोर्स को तैनात कर दी गई। साथ ही कई बसों को भी धरना स्थल पर लगा दी गई। धारा 144 लगा दी गई।
#WATCH| BKU leader Rakesh Tikait breaks down while speaking to media; said, "We will not go anywhere till action is taken against those who lathi-charged farmers."(28.01) pic.twitter.com/welii1I5QY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
इसके साथ ही गाजियाबाद प्रशासन ने प्रदर्शनकारी किसानों को गुरुवार आधी रात तक यूपी गेट खाली करने का अल्टीमेटम दिया। पुलिस की जिस तरह की तैयारी थी, उससे लगने लगा था कि कल ही वहां से किसानों का जमावड़ा हट जाएगा और कुछ हद तक किसानों ने अपना बोरिया-बिस्तर बांधना भी शुरू कर दिया था। इन सबको देखते हुए आशंका जताई जा रही थी कल की रात आंदोलन के लिए निर्णायक रात होगी लेकिन राकेश टिकैत के एक इमोशनल कार्ड ने देखते ही देखते पूरी तस्वीर बदल दी।
#WATCH| BKU leader Rakesh Tikait breaks down while speaking to media; said, "We will not go anywhere till action is taken against those who lathi-charged farmers."(28.01) pic.twitter.com/welii1I5QY
— ANI (@ANI) January 28, 2021
राकेश टिकैत अपनी मांग पर अड़े रहे और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा कि वह आत्महत्या कर लेंगे लेकिन आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। इस दौरान टिकैत फूट-फूटकर रोते हुई भी नजर आए। राकेश टिकैत ने आरोप लगाया कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को वापस नहीं ले लेती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। यदि जोर-जबरदस्ती की गई तो वह आत्महत्या कर लेंगे। राकेश टिकैत ने किसानों से गाजीपुर बॉर्डर पहुंचने की भावुक अपील की। इसके बाद आधी रात को ही पश्चिमी यूपी के तमाम हिस्सों से किसानों के समूह गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे।
Farmers at Ghazipur border (Delhi-Uttar Pradesh) continue sit-in protest against the Centre's #FarmLaws pic.twitter.com/0W8Kz8i1OH
— ANI (@ANI) January 29, 2021
जहां धरना खत्म होने की अटकलें लग रही थीं वहां रात में ही भीड़ जुटने लगी। इसके माहौल बदलने लगा। जहां के बड़ी तादाद में किसान जा रहे थे, वहां धीरे-धीर फिर से किसान वापस लौटने लगे। आखिरकार देर रात पुलिस को पीछे हटना पड़ा। फोर्स जिन गाड़ियों से वहां पहुंची थी, उन्हीं गाड़ियों से बैरंग वापस लौट गई।