किसान आंदोलन की धमक से कांप गई BJP सरकार, हरियाणा के 17 जिलों में इंटरनेट बंद
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। बड़ी तादाद में टिकैत समर्थक धरना स्थल पर पहुंचे हुए हैं। हाइवे खाली कराने के लिए पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद हैं। उनके साथ भारी तादाद में सुरक्षाकर्मी हैं।
जनशक्ति: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं के सैलाब के बाद किसान आंदोलन एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहा है। बड़ी तादाद में टिकैत समर्थक धरना स्थल पर पहुंचे हुए हैं। हाइवे खाली कराने के लिए पुलिस की टीम भी मौके पर मौजूद हैं। उनके साथ भारी तादाद में सुरक्षाकर्मी हैं।
किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल, पानीपत, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, रेवाड़ी और सिरसा जिलों में वॉयस कॉल को छोडकऱ इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाओं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोडकऱ) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक बंद करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, सोनीपत, पलवल और झज्जर जिलों में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की अवधि अगले 24 घंटे यानी 30 जनवरी, 2021 शाम 5 बजे तक के लिए बढ़ा दी है।
आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि दूरसंचार अस्थायी सेवा निलंबन (लोक आपात या लोक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2 के तहत इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं। बीएसएनएल (हरियाणा अधिकार क्षेत्र) सहित हरियाणा की सभी टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को इस आदेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। ये आदेश क्षेत्र में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए जारी किए गए हैं।
कोई भी व्यक्ति इन आदेशों के उल्लंघन का दोषी पाया जाएगा तो वह संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने एसएमएस, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।
गाजीपुर बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा
दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आज एक फिर से बड़ा जमावड़ा लगा है। शुक्रवार को हजारों की संख्या में किसान अलग-अलग जगहों से पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के आह्वान पर यूपी के कई गांवों से लोग यहां पानी लेकर पहुंचे हैं। भीड़ धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है। इस बार प्रशासन कोई भी चूक नहीं करना चाहता है। गाजीपुर बॉर्डर पर फिर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
किसानों ने प्रशासन पर लगाए कई आरोप
गाजीपुर बॉर्डर पर बीते दिन ही पानी की सुविधा बंद कर दी गई, साथ ही यहां पर खड़े अस्थाई शौचालयों को हटा दिया गया था। हालांकि, जो बिजली पहले काटी गई थी उसे वापस जोड़ दिया गया था। शुक्रवार सुबह मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर जैसे इलाकों से बड़ी संख्या में किसान यहां पहुंचे है। किसानों का आरोप है कि प्रशासन उन्हें जबरन हटाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है वे यहां से उठने वाले नहीं हैं।