महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे पर आज शाम होगा फैसला, कांग्रेस ने दिखाए कड़े तेवर, NCP का है ये रुख
मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कांग्रेस सख्त नजर आ रही है.
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मुंबई: मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) द्वारा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कांग्रेस सख्त नजर आ रही है. कांग्रेस ने अपनी महाराष्ट्र इकाई से राज्य के गृहमंत्री पर लगाए गए आरोपों को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इस सिलसिले में रविवार की देर शाम पार्टी के कोर ग्रुप की वर्चुअल मीटिंग भी हुई, जिसमें महाराष्ट्र के राज्य प्रभारी एचके पाटिल, प्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले, विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात समेत अन्य नेता मौजूद थे.
महाराष्ट्र के राज्य प्रभारी एचके पाटिल (HK Patil) ने कहा "बालासाहेब थोरात और अशोक चव्हाण वरिष्ठ पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह के कथित पत्र पर चर्चा करने के लिए सीएम उद्धव ठाकरे से मिलेंगे. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने पहले ही मीडिया से बात की और कहा हम इस्तीफे पर भी चर्चा करेंगे. इस मुद्दे पर जो भी विकल्प होगा उसपर विचार किया जाएगा. यहां तक कि इस्तीफा भी एक विकल्प है."
पाटिल ने आगे कहा "एनसीपी ने स्पष्ट किया कि इस पर चर्चा और निर्णय लिया जाएगा लेकिन अंतिम निर्णय महाराष्ट्र के सीएम का होगा. हालांकि, एमवीए (महाविकास आघाडी सरकार) सदस्यों का मुख्य समूह सोमवार शाम को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिलेगा. सीएम ही इस मामले में जल्द से जल्द अंतिम निर्णय लेंगे."
इससे पहले एनसीपी नेता नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह की चिट्ठी एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा "परमबीर सिंह की दिल्ली में किस-किस से मुलाकात हुई थी उसकी हमें जानकारी है. जांच के माध्यम से सच्चाई सामने आएगी. उच्च अधिकारियों के माध्यम से चिट्ठी की जांच होगी. पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि एक चिट्ठी के आधार पर गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग हो रही है. इस्तीफा देने का सवाल नहीं होता है. पार्टी ने निर्णय लिया है कि जांच होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा.
वहीं, शिवसेना सांसद संजय राउत ने बचाव करते हुए कहा "अगर राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार ने तय किया है कि अनिल देशमुख के ऊपर जो आरोप लगे हैं, उनमें तथ्य नहीं है और उनकी जांच होनी चाहिए तो इसमें गलत क्या है? आरोप सभी नेताओं के ऊपर लगते रहे हैं. सबका इस्तीफा लेकर बैठे तो सरकार चलाना मुश्किल हो जाएगा.
एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा था "यह वास्तव में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामला है. इस मामले में गहन पूछताछ होनी चाहिए." हालांकि वह खुलकर अपने नेता का बचाव कर रहे है. आज पवार ने कहा कि पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी, जबकि 6 से 16 फरवरी तक देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे.
बता दें कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह के शनिवार को यह कहते ही बवाल मच गया कि एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने निलंबित सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वझे (Sachin Waze) से मुंबई के रेस्तरां, बार, पब आदि से हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था. वझे वही अधिकारी हैं जिन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास एंटीलिया (Antilia) के पास मिले संधिग्थ एसयूवी मामले में गिरफ्तार किया गया है.