संजय राउत का मोदी सरकार पर हमला, बोले- किसानों के साथ हो रहा आतंकियों जैसा व्यवहार
केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है. किसान दिल्ली के जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर रोका हुआ है.
दिल्ली: केंद्र के कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है. किसान दिल्ली के जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर रोका हुआ है. सरकार ने किसानों को बात करने के लिए 3 दिसंबर को बुलाया है. प्रधानमंत्री ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए किसानों को मनाने की कोशिश भी की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि काफी विचार-विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी ढांचा प्रदान किया था. इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार भी मिले हैं, नए अवसर भी मिले हैं. उन्होंने कहा कि कानून में एक और बहुत बड़ी बात है. इस कानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एसडीएम को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा.
राज्यसभा सांसद संजय राउत का बयान-
किसानों के आंदोलन को लेकर शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा, ''किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है, उससे ऐसा लग रहा है कि वे आतंकवादी हैं. उन्हें खालिस्तानी बताया जा रहा है, ये किसानों का अपमान है.'' राउत ने कहा, जिस तरह से किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया है, ऐसा लग रहा है कि जैसे वे इस देश के हैं ही नहीं. उनके साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार किया गया है. चूंकि वे सिख हैं और पंजाब और हरियाणा से आए हैं, इसलिए उन्हें खालिस्तानी कहा जा रहा है. यह किसानों का अपमान है.
The way farmers have been stopped from entering Delhi, it looks like as if they don't belong to this country. They have been treated like terrorists. Since they are Sikh&have come from Punjab&Haryana, they're being called Khalistani. It is insult to farmers:Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/XaE529oZUL
— ANI (@ANI) November 29, 2020
बता दें कि कृषि कानूनों को लेकर किसान लगातार तीसरे दिन रविवार को भी अपना प्रदर्शन जारी रखने पर अडिग हैं. किसानों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का के उस प्रस्ताव को मानने से इनकार किया है, जिसमें शाह ने कहा था कि पहले किसान शांतिपूर्वक बुराड़ी के निरंकारी मैदान में शिफ्ट हों तो सरकार दूसरे ही दिन उनसे बात करेगी.
किसानों के आंदोलन के चलते शनिवार को रात भर दिल्ली-हरियाणा को जोड़ने वाले सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षाबल तैनात रहे. किसानों का प्रदर्शन सिंघु और दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर के साथ ही टिकरी बॉर्डर पर जारी है. बुराड़ी के निरंकारी समागम मैदान में प्रदर्शन की अनुमति मिलने के बाद भी किसान दिल्ली की सीमाओं से हटनेको तैयार नहीं हैं.