बड़ी खबर: अमिश देवगन के ख़िलाफ FIR रद्द करने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, जानिए क्या है पूरा मामला
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को न्यूज़ एंकर अमिश देवगन द्वारा सूफी संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर सुनवाई की। अदालत ने सूफी संत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में न्यूज़ एंकर अमिश देवगन के विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया।
जनशक्ति: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को न्यूज़ एंकर अमिश देवगन द्वारा सूफी संत पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले पर सुनवाई की। अदालत ने सूफी संत ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में न्यूज़ एंकर अमिश देवगन के विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया। सूफ़ी संत ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अमीश देवगन के ख़िलाफ़ अलग-अलग राज्यों में दर्ज कराई गई एफ़आईआर को राजस्थान के अजमेर ट्रांसफ़र करने के लिए भी कहा है।
इस साल 15 जून को प्रसारित अपने टीवी शो में अमीश देवगन ने सूफ़ी संत के बारे में कथित अपमानजनक बातें कही थीं, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मामले दर्ज कराए गए थे।समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़, सोमवार को जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सभी एफ़आईआर को मिलाते हुए कहा है कि अमीश देवगन जाँच में यदि सहयोग करते हैं तो उनके ख़िलाफ़ कोई कड़ी कार्रवाई न की जाए।
SC refuses to quash FIRs against news anchor Amish Devgan for his alleged defamatory comment against Sufi saint Khwaja Moinuddin Chisti
— Press Trust of India (@PTI_News) December 7, 2020
इससे पहले 25 सिंतबर को जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने अमीश देवगन की उस याचिका पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रखा था जिसमें न्यूज़ एंकर ने कहा था कि उनकी ज़ुबान फिसल गई थी और इसके लिए अपनी ओर से खेद भी ज़ाहिर कर चुके हैं।