तेजस्वी की CM नीतीश कुमार को चुनौती, कहा- हिम्मत है तो गिरफ्तार करके दिखाएं
बिहार में सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर जारी हुए नीतीश सरकार के फरमान को लेकर नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने नीतीश पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर उन्हें किस बात का खौफ है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां से ऐसा आदेश जारी हुआ है।
जनशक्ति: बिहार में सोशल मीडिया पर टिप्पणी को लेकर जारी हुए नीतीश सरकार के फरमान को लेकर नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव ने नीतीश पर निशाना साधते हुए पूछा कि आखिर उन्हें किस बात का खौफ है। बिहार लोकतंत्र की जननी है और यहां से ऐसा आदेश जारी हुआ है। आगे राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने सीएम नीतीश को चुनौती देते हुए कहा, यदि हिम्मत है तो मुझे गिरफ्तार करें।
शुक्रवार को तेजस्वी यादव पटना में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उसी वक्त उन्होंने अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री यह भूल गए हैं कि बिहार लोकतंत्र की जननी है। लोगों को संविधान की तरफ से अभिव्यक्ति की आजादी मिली हुई है। तेजस्वी ने पूछा कि आखिर समाजवादी नेताओं को आलोचना से डर कैसा? तेजस्वी ने आरोप लगाया कि डबल इंजन की सरकार आने के बाद से ही लोकतंत्र और संविधान खतरे में है।
दरअसल, साइबर अपराध के लिए राज्य पुलिस की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने राज्य सरकार के सभी सचिवों और प्रमुख सचिवों को एक पत्र लिखा है और उनसे पूछा है कि क्या वे बिहार सरकार के खिलाफ अवांछित लोगों और संगठनों द्वारा सोशल मीडिया पर किसी भी आपत्तिजनक टिप्पणी के बारे में जानते हैं। ताकि कानून के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
21 जनवरी को लिखे पत्र में ईओडब्ल्यू के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नैयर हसनैन खान का कहना है कि यह बात सामने आई है कि कुछ व्यक्ति और संगठन सरकार मंत्री, सांसद, विधायक और नौकरशाह के खिलाफ सोशल मीडिया / इंटरनेट पर आपत्तिजनक, अशोभनीय और भ्रामक टिप्पणी कर रहे हैं। जो कानून के खिलाफ हैं और साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने आगे कहा, "कानून के अनुसार ऐसे लोगों और संगठनों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।"
पत्र में कहा गया है कि ईओडब्ल्यू को ऐसी किसी भी सामग्री की सूचना दी जानी चाहिए ताकि गलत लोगों के खिलाफ जांच के बाद उचित कार्रवाई की जा सके। राज्य में अपराध की हालिया घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर खासकर नीतीश कुमार सरकार की व्यापक आलोचना के बीच बिहार पुलिस का यह कदम उठाया गया है।