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किसानों-सरकार के बीच आज दसवें दौर की बातचीत, ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर आज काफी महत्वपूर्ण दिन है। एक ओर जहां केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को दसवें दौर की बातचीत होनी है।

Tenth round of talks between farmers and government today, Supreme Court will hear on tractor rally
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किसानों-सरकार के बीच आज दसवें दौर की बातचीत, ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

जनशक्ति: तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को लेकर आज काफी महत्वपूर्ण दिन है। एक ओर जहां केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच बुधवार को दसवें दौर की बातचीत होनी है। वहीं सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई भी है, जिसमें 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के मसले पर कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा।

किसान संगठनों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा की है और दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी है। दिल्ली पुलिस ने खुद इजाजत ना देकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। हालांकि, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इसपर निर्णय लेने का काम पुलिस का ही है। मगर सरकार की अपील पर अब फिर सुनवाई हो रही है। सरकार का कहना है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर यदि ऐसे हजारों लोग दिल्ली में आएंगे, तो सुरक्षा व्यवस्था में दिक्कतें होगी। जबकि किसानों का कहना है कि वो परेड समाप्त होने के बाद अपनी ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और किसी को तकलीफ नहीं होगी।

दूसरी ओर नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान संगठनों और सरकार के बीच दसवें दौर की वार्ता आज होगी। केंद्र ने कहा है कि दोनों पक्ष जल्द से जल्द गतिरोध सुलझाना चाहते हैं मगर अलग विचारधारा के लोगों की संलिप्तता के कारण इसमें देरी हो रही है। सरकार ने यह दावा किया कि नये कृषि कानून किसानों के हित में हैं और कहा कि जब भी कोई अच्छा कदम उठाया जाता है तो इसमें अड़चनें आती हैं। सरकार ने कहा कि मामले को सुलझाने में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि किसान नेता अपने हिसाब से समाधान चाहते हैं।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरषोत्तम रूपाला ने पीटीआई-भाषा से कहा, ''जब किसान हमसे सीधी बात करते हैं तो अलग बात होती है लेकिन जब इसमें नेता शामिल हो जाते हैं, अड़चनें सामने आती हैं। अगर किसानों से सीधी वार्ता होती तो जल्दी समाधान हो सकता था।'' उन्होंने कहा कि चूंकि विभिन्न विचारधारा के लोग इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं, इसलिए वे अपने तरीके से समाधान चाहते हैं। उन्होंने कहा, ''दोनों पक्ष समाधान चाहते हैं लेकिन दोनों के अलग-अलग विचार हैं। इसलिए विलंब हो रहा है। कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा।''

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