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किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, विपक्ष की नारेबाज़ी के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित

कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के हंगामे की वजह से सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा है। सुबह कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने किसानों के मुद्दे पर सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया, लेकिन चेयरमैन ने उसे मानने से इनकार कर दिया, इसके बाद विपक्ष के नेता नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।

किसानों के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, विपक्ष की नारेबाज़ी के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित
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नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के हंगामे की वजह से सदन को तीन बार स्थगित करना पड़ा है। सुबह कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं ने किसानों के मुद्दे पर सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया, लेकिन चेयरमैन ने उसे मानने से इनकार कर दिया, इसके बाद विपक्ष के नेता नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।

विपक्षी नेताओं के रुख को देखते हुए राज्य सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। पहले साढ़ दस बजे तक फिर साढ़े ग्यारह बजे तक के लिए सदन को दो बार स्थगित किया गया लेकिन विपक्ष किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए अड़ा हुआ है। सो 11.30 बजे की कार्यवाही शुरू होते ही तीसरी बार फिर सदन को स्थगित करना पड़ा है। विपक्षी दल प्रश्न काल को ससपेंड करके किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सभी शासकीय कामों को स्थगित करके किसानों के मुद्दे पर चर्चा की जाए। लेकिन राज्य सभा चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन ने कहा कि यह चर्चा राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान भी हो सकती है, विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।

सुबह विपक्षी सांसदों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही किसानों के समर्थन में राज्य सभा के अंदर नारेबाज़ी शुरू कर दी। कुछ देर के हंगामे के बाद विपक्ष के सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया। फिर विपक्ष के सांसद दोबारा सदन में आए और फिर से किसानों के समर्थन में नारेबाजी होने लगी। इसे देखते हुए राज्य सभा की कार्यवाही को साढ़े दस बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

लेकिन राज्या सभा साढ़े दस बजे जैसे ही दोबारा शुरू हुई किसानों के मुद्दे पर दोबारा वही नज़ारा देखने को मिला, जिसके बाद कार्यवाही को 11:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्षी दल किसानों के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे थे लेकिन चेयरमैन वेंकैय्या नायडू ने इस मांग को खारिज करते हुे कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है। वेंकैय्या नायडू ने कहा कि अब इस चर्चा की जरूरत नहीं है, लेकिन आप कहें तो आपके सामने पुरानी चर्चा का रिकॉर्ड रखा जा सकता है।

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