बड़ी खबर: लालू यादव की तबियत बिगड़ी, इतने फीसद खराब हुई किडनी, जानिए पूरी खबर
पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो जितने दिन जेल में नहीं रहे उससे बहुत अधिक रांची के रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में रहे। बीमारी और इलाज के नाम पर करीब दो साल तीन माह से रिम्स में हैं।
जनशक्ति: पशुपालन घोटाला मामले में सजायाफ्ता राजद सुप्रीमो जितने दिन जेल में नहीं रहे उससे बहुत अधिक रांची के रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) में रहे। बीमारी और इलाज के नाम पर करीब दो साल तीन माह से रिम्स में हैं। दुर्भाग्य यह कि रिम्स में भर्ती होने के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती गई। एक तरफ चिकित्सक उनकी बीमारी को गंभीर समझ रहे हैं तो सीबीआइ इस लायक समझ रही है कि उन्हें रिम्स से जेल भेज देना चाहिए।
रिम्स के चिकित्सक बताते हैं कि लालू प्रसाद जब बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से रिम्स आये थे उनकी किडनी 50 फीसद से अधिक क्षमता से काम कर रही थी और अब यह करीब 25 फीसद की क्षमता से काम कर रही है। अगर और गिरावट आई तो उन्हें डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है। लालू प्रसाद की देखरेख करने वाले चिकित्सकों ने सरकार को इससे अवगत करा दिया है। उन्हीं चिकित्सकों की सिफारिश पर कोरोना काल में लालू प्रसाद को निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया था। 25 प्रतिशत की क्षमता पर लालू के किडनी के काम करने की सूचना बताती है कि उनकी तबीयत ठीक नहीं है।
हालांकि तीन दिन पहले ही सीबीआइ ने अदालत में पूरक शपथ पत्र में लालू प्रसाद की सेहत को स्थिर बताते हुए उन्हें रिम्स से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेजने का आग्रह किया था। रिम्स के नये निदेशक के आने के बाद मीडिया से बात करने पर चिकित्सकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसलिए कोई औपचारिक तौर पर बताने को तैयार नहीं है।
लालू प्रसाद पर नजर रखने वाले एक चिकित्सक ने कहा कि उनकी उम्र हो गई है। दो दशक से शुगर के मरीज हैं। बीपी और हृदय रोग से भी ग्रसित हैं। लालू प्रसाद अपने अंदाज में जीने वाले व्यक्ति हैं। कभी चुनाव, कभी राजनीतिक उठापटक तो कभी घरेलू विवाद। उनके तनाव का कारण बनता है। तेज प्रताप की पत्नी के विवाद, रघुवंश बाबू के विवाद के दौरान लालू प्रसाद का मानसिक तनाव ज्यादा बढ़ा हुआ था। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे के दौरान भी यही स्थिति थी। तनाव के साथ ही उनकी दिनचर्या भी ठीक नहीं रहती। खाने के शौकीन हैं तो बद परहेजी का असर हो जाता है। इन कारणों से डॉक्टरों की निगरानी और हिदायत के बावजूद उनकी तबीयत में उतार चढ़ाव आता रहता है। निदेशक के बंगला से एक कमरे के पेईंग वार्ड में आने के बाद उन्हें परेशानी महसूस होती रही।
इधर शनिवार को मुलाकात का दिन होने के कारण आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोध कांत सहाय और बिहार से दो राजद विधायक उनसे मिलने आये थे। बिहार से आने वालों में गुरुवा विधायक विनय यादव और इस्लामपुर विधायक राकेश कुमार रौशन ने मुलाकात की। उनका हाल जाना।