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UP : MLC चुनाव के लिए सज गई बिसात, जानें- किन सीटों पर कौन है आमने-सामने

शिक्षक कोटे की सीटों में बड़ा उलटफेर करते हुए बरेली-मुरादाबाद में सपा समर्थित संजय मिश्र ने इस सीट से शर्मा गुट के मौजूदा एमएलसी सुभाष चंद्र शर्मा को पराजित कर शिक्षक संघ शर्मा गुट को बड़ा झटका दिया था।

UP : MLC चुनाव के लिए सज गई बिसात, जानें- किन सीटों पर कौन है आमने-सामने
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लखनऊ : विधान परिषद के शिक्षक व स्नातक कोटे की 11 सीटों के लिए बृहस्पतिवार को नामांकन शुरू होने के साथ ही प्रदेश में एक और सियासी बिसात सज जाएगी। लंबे समय तक शिक्षक दल (शर्मा गुट) के प्रभाव व पकड़ की पहचान बने ये चुनाव इस बार भाजपा, सपा, कांग्रेस और कुछ अन्य की विशेष दिलचस्पी तथा पिछले चुनाव में कुछ स्थानों पर बाजी पलट जाने के कारण खास बन गए हैं।

ये सभी 11 सीटें 6 मई को ही रिक्त घोषित हो चुकी थीं, पर कोरोना के चलते चुनाव अब हो रहे हैं। इनमें से दो पर भाजपा, दो पर सपा, चार पर शिक्षक दल शर्मा गुट व तीन पर निर्दल का कब्जा था। इनमें 5 स्नातक कोटे की हैं और 6 शिक्षक कोटे की। 2014 में हुए चुनाव में स्नातक कोटे की 5 सीटों में आगरा सपा, वाराणसी व इलाहाबाद-झांसी भाजपा, मेरठ शिक्षक दल शर्मा गुट और लखनऊ निर्दल के कब्जे में रही थीं।

शिक्षक कोटे की सीटों में बड़ा उलटफेर करते हुए बरेली-मुरादाबाद में सपा समर्थित संजय मिश्र ने इस सीट से शर्मा गुट के मौजूदा एमएलसी सुभाष चंद्र शर्मा को पराजित कर शिक्षक संघ शर्मा गुट को बड़ा झटका दिया था। आमतौर पर इन चुनावों में अभी तक कोई बड़ा चामत्कारिक उलटफेर न कर पाने वाली भाजपा ने इस बार काफी तैयारी की है। मतदाताओं के नाम जुड़वाने से लेकर सभी जगह मंत्रियों के साथ पार्टी के वरिष्ठ लोगों को प्रभारी बनाकर लगाया गया है। पार्टी ने 11 में से 9 के उम्मीदवार भी तय कर दिए हैं।

इन सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा बाकी

वाराणसी और गोरखपुर-अयोध्या शिक्षक सीट पर उम्मीदवार की घोषणा की जानी है। सपा अपनी दो मौजूदा सीटों को बरकरार रखने के साथ नई पर भी झंडा फहराने की व्यूहरचना में जुटी है। वहीं, शिक्षक दल की कोशिश है कि मौजूदा सीटें सुरक्षित रखने के साथ पिछली बार हाथ से निकल गई सीटें हासिल कर ली जाएं। कांग्रेस भी इस बार कुछ सीटें पाने की कोशिश में है।

आगरा स्नातक: इस सीट पर सपा से पिछली बार एमएलसी चुने गए डॉ. असीम यादव फिर किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि भाजपा ने मानवेंद्र सिंह के लिए ताकत लगा रखी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने इस सीट पर निर्दलीय उतरने का फैसला कर सभी के समीकरण गड़बड़ा दिए हैं। डिप्लोमा इंजीनियरों तथा कर्मचारी-शिक्षकों की राजनीति करने के कारण उन्हें हल्के में नहीं लिया जा सकता। कांग्रेस ने यहां राजेश द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया है।

आगरा शिक्षक: लंबे समय से यहां से एमएलसी चुने जा रहे जगवीर किशोर जैन को शिक्षक दल शर्मा गुट ने फिर मैदान में उतारा है। भाजपा ने दिनेश वशिष्ठ व सपा ने हेवेंद्र सिंह चौधरी को मैदान में उतारा है। भाजपा के रणनीतिकार इस सीट पर भी अपना उम्मीदवार जिताकर शर्मा गुट का दबदबा तोड़ना चाहते हैं ।

लखनऊ स्नातक : भाजपा की नजर इस सीट पर काफी पहले से रही है, लेकिन उसे कामयाबी सिर्फ एक बार 1996-2002 में विंध्यवासिनी कुमार की जीत के रूप में मिली। उनसे पहले लखनऊ विवि के कुलपति प्रो. हरिकृष्ण अवस्थी लगभग 36 साल इस सीट से एमएलसी रहे। पिछले लगभग डेढ़ दशक से एसपी सिंह और उनकी पत्नी कांति सिंह का इस सीट पर कब्जा है। भाजपा ने यहां अवनीश पटेल को उम्मीदवार बनाया है। कांति सिंह सीट पर कब्जा बनाए रखने के लिए सक्रिय हैं। सपा ने छात्र राजनीति से निकले राम सिंह राणा और कांग्रेस ने बृजेश सिंह को मैदान में उतारा है।

इन सीटों पर ये प्रत्याशी हैं मैदान में

लखनऊ शिक्षक: लंबे समय से यहां से एमएलसी चुने जा रहे जगवीर किशोर जैन को शिक्षक दल शर्मा गुट ने फिर मैदान में उतारा है। भाजपा ने दिनेश वशिष्ठ व सपा ने हेवेंद्र सिंह चौधरी को मैदान में उतारा है। भाजपा के रणनीतिकार इस सीट पर भी अपना उम्मीदवार जिताकर शर्मा गुट का दबदबा तोड़ना चाहते हैं ।

मेरठ स्नातक: शिक्षक दल शर्मा गुट स्नातक कोटे की सिर्फ इसी सीट पर चुनाव लड़ रहा है। यहां उसने हेमसिंह पुंडीर को ही फिर उम्मीदवार बनाया है। पुंडीर पिछले चुनाव में भी यहां से जीते थे। उससे पहले भी वह यहां से एमएलसी रहे। भाजपा ने दिनेश गोयल को उम्मीदवार बनाया है। उन्हें माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) भी समर्थन दे रहा है। सपा ने शमशाद अली तथा कांग्रेस ने जितेंद्र गौड़ को मैदान में उतारा है।

वाराणसी स्नातक: भाजपा ने इस सीट से कई बार से चुनाव जीत रहे केदारनाथ सिंह को ही फिर मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने संजीव सिंह और सपा ने आशुतोष सिन्हा को लड़ाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्षेत्र होने के कारण यह सीट भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की है।

वाराणसी शिक्षक: शिक्षक संघ शर्मा गुट ने डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र को फिर प्रत्याशी बनाया है। यहां पिछली बार चुनाव जीते चेतनारायण सिंह भी मैदान में हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा उन्हें समर्थन दे सकती है। सपा ने लाल बिहारी को उम्मीदवार बनाया है। शिक्षक संघ (पांडेय गुट) ने डॉ. जितेंद्र सिंह पटेल को मैदान में उतारा है।

इन सीटों पर ये उम्मीदवार आमने-सामने

इलाहाबाद-झांसी स्नातक: इलाहाबाद-झांसी स्नातक सीट पर भाजपा ने कई बार से जीत रहे डॉ. यज्ञदत्त शर्मा पर ही फिर भरोसा जताया है। उन्हें माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) समर्थन दे रहा है। सपा ने डॉ. मान सिंह और कांग्रेस ने अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

बरेली-मुरादाबाद शिक्षक : पिछली बार इस सीट पर शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के उम्मीदवार सुभाष चंद्र शर्मा को हरा चुके संजय मिश्र एक बार फिर सपा के समर्थन से मैदान में हैं। प्रतिष्ठापूर्ण इस सीट पर भाजपा ने पूर्व एमएलसी हरि सिंह ढिल्लो को उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस ने यहां डॉ. मेंहदी हसन को मैदान में उतारा है।

इलाहाबाद-झांसी स्नातक: इलाहाबाद-झांसी स्नातक सीट पर भाजपा ने कई बार से जीत रहे डॉ. यज्ञदत्त शर्मा पर ही फिर भरोसा जताया है। उन्हें माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडेय गुट) समर्थन दे रहा है। सपा ने डॉ. मान सिंह और कांग्रेस ने अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

बरेली-मुरादाबाद शिक्षक: पिछली बार इस सीट पर शिक्षक संघ (शर्मा गुट) के उम्मीदवार सुभाष चंद्र शर्मा को हरा चुके संजय मिश्र एक बार फिर सपा के समर्थन से मैदान में हैं। प्रतिष्ठापूर्ण इस सीट पर भाजपा ने पूर्व एमएलसी हरि सिंह ढिल्लो को उम्मीदवार बनाकर लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है। कांग्रेस ने यहां डॉ. मेंहदी हसन को मैदान में उतारा है।

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