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उत्तर प्रदेश

Farmers Protest: मनोज तिवारी ने किया किसानों का अपमान, कहा- टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान प्रदर्शन को शाहीन बाग 2.0 बनाना चाहता है

Farmers Protest: मनोज तिवारी ने बुधवार को दावा किया है कि किसानों के आंदोलन को टुकड़े-टुकड़े गैंग दिल्ली की सीमा पर शाहीन बाग में बदलने की कोशिश कर रही थी।

Manoj Tiwari insulted the farmers, farmer wants to make the demonstration Shaheen Bagh 2.0
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Farmers Protest: मनोज तिवारी ने किया किसानों का अपमान, कहा- टुकड़े-टुकड़े गैंग किसान प्रदर्शन को शाहीन बाग 2.0 बनाना चाहता है

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान काफी दिनों से आंदोलित हैं। इस बीच दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रमुख और सांसद मनोज तिवारी ने किसानों के आंदोलन पर विवादित बयान दिया है। मनोज तिवारी ने बुधवार को दावा किया है कि किसानों के आंदोलन को टुकड़े-टुकड़े गैंग दिल्ली की सीमा पर शाहीन बाग में बदलने की कोशिश कर रही थी। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ साउथ दिल्ली में स्थित शाहीन बाग में काफी समय तक लोगों ने प्रदर्शन किया था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस प्रदर्शन को खत्म करा दिया गया।


मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के समर्थन में नारे लगे थे और इस प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री को धमकी दी गई, ऐसे में यह सब दर्शाता है कि देश में शांति भंग करने की यह एक सुनियोजित साजिश थी। जिस तरह से तरह से कुछ गुट यहां एनआरसी व सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में इकट्ठे हुए थे, उससे साफ है कि टुकड़े-टुकड़े गैंग एक बार फिर से शाहीन बाग 2.0 के जरिए किसानों के प्रदर्शन को उग्र करना चाहते थे। मुझे लगा कि सच में असल किसान प्रदर्शन कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि दंगे के साजिशकर्ता जो दिल्ली में सफल हुए थे वो एक बार फिर से किसानों के नाम पर फिर से देशभर के किसानों को भड़का रहे हैं। यह हर देश के नागरिक की जिम्मेदारी है कि इन्हें परास्त किया जाए।

बता दें कि किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण सम्मान लौटा दिया है। प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति को तीन पेज का पत्र लिखकर कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण सम्मान वापस कर दिया है। जिस तरह से किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई, उसकी निंदा करते हुए बादल ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। बादल ने पत्र में लिखा कि मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए अब मेरे पास कुछ नहीं बचा है, आज मैं जो भी हूं वह किसानों की वजह से हूं, ऐसे में जब किसानों का अपमान किया जा रहा है तो इस सम्मान को अपने पास रखने का कोई मतलब नहीं है।

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