कोरोना का नया रूप 70 प्रतिशत अधिक खतरनाक, जानिए नए कोविड स्ट्रेन के बारे में बड़ी बातें
कोरोना वायरस की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही थी, भारत समेत पूरी दुनिया में रिकवरी रेट भी काफी अच्छा हो गया था। कई देशों में वैक्सीन लगनी शुरु हो चुकी है। भारत भी जनवरी से वैक्सीन लगाने की शुरुवात करने वाला है।
जनशक्ति: कोरोना वायरस की रफ्तार धीरे-धीरे कम हो रही थी, भारत समेत पूरी दुनिया में रिकवरी रेट भी काफी अच्छा हो गया था। कई देशों में वैक्सीन लगनी शुरु हो चुकी है। भारत भी जनवरी से वैक्सीन लगाने की शुरुवात करने वाला है। इस बीच कोरोना वायरस ने अपना रुप बदल लिया है जोकि पहले वाले रुप से 70 फीसदी अधिक तेज़ी से फैलता है। इस नए स्ट्रेन की पुष्टी यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने की है। इसके बाद से मानो पूरी दुनिया में हड़कंप सा मच गया है। यूके से आने वाली सभी फ्लाईट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही वहां से लौटे लोगों की जांच की जा रही है।
कोरोनावायरस में म्यूटेशन यानी तेज़ होने वाले जेनेटिक बदलाव के कारण यह नया रुप बना है। इस वायरस का स्पाईक प्रोटीन ज़्यादा ताकतवर है यह कम इम्यूनिटी वालों को संक्रमित करने में पिछले वायरस से ज्यादा सफल है। आईए जानते हैं इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें-
नए कोविड स्ट्रेन से जुड़ी बड़ी बातें-
- ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) के सामने आने के बाद यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में अपना पैर पसार रहा है। लंदन, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड और पूर्वी इंग्लैंड, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आए हैं।
- दुनिया भर में वायरसों के जेनेटिक कोड पर नजर रखने वाली संस्था नेक्स्टस्ट्रेन के आंकड़ों से पता चलता है कि डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में भी यह बदला वायरस मिला है, लेकिन उन जगहों पर यह वायरस ब्रिटेन से आए लोगों से ही पहुंचा है।
- वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 महत्वपूर्ण बदलाव हुई हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है। स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में दाखिल होने के लिए करता है।
- यह स्ट्रेन कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली यानि कम इम्यूनिटी वाले रोगी में उभरा है, जो वायरस को हराने में असमर्थ थे। पुराने वाले वायरस के कमज़ोर पड़ने के बाद अब यह वायरस उसकी जगह ले सकता है।
- आपको बता दें कि जो वायरस चीन के वुहान में था वह दुनिया भर में फैले वायरस से अलग था।
- इस नए स्ट्रेन को वीयूआई-202012/01 पहचान दी गई है।
- फ़रवरी में यूरोप में डी 614जी प्रकार का वायरस मिला था। अभी दुनियाभर में वायरस का यही स्ट्रेन सबसे ज़्यादा एक्टिव है।