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अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप समर्थकों का हमला, गोलीबारी में महिला की मौत

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसकर जमकर उत्पात मचाया और हिंसा की। ट्रंप समर्थक कांग्रेस के लोकतांत्रिक कामकाज को रोकने के लिए यहां पहुंचे थे, जो कि बाइडन को चुनावी जीत का सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया कर रहे थे।

अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप समर्थकों का हमला, गोलीबारी में महिला की मौत
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अमेरिका में कैपिटल बिल्डिंग पर ट्रंप समर्थकों का हमला, गोलीबारी में महिला की मौत

जनशक्ति: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसकर जमकर उत्पात मचाया और हिंसा की। इस दौरान हुई गोलीबारी में एक महिला की मौत हो गई है। ट्रंप समर्थक कांग्रेस के लोकतांत्रिक कामकाज को रोकने के लिए यहां पहुंचे थे, जो कि राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडेन और उप-राष्ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस की जीत की पुष्टि करने के लिए प्रक्रिया कर रहे थे। मरने वाली महिला की शाम तक पहचान नहीं हो सकी थी। कैपिटल बिल्डिंग पर समर्थकों ने कब्जा कर लिया था और वहां से धुआं निकल रहा था। वहीं इन लोगों को हटाने के लिए नेशनल गार्ड और संघीय कानून प्रवर्तन कर्मियों को भेजा गया है। यहां स्थानीय समय के अनुसार शाम 6 पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया। यह दंगा तब शुरू हुआ, जब कांग्रेस चुनावी कॉलेज के वोटों की पुष्टि कर रही थी कि इसमें बाइडेन-हैरिस को चुना गया है।

'ट्रंप' और 'यूएसए, यूएसए' के नारे लगाने वाले हजारों दंगाइयों ने पुलिस को मुश्किल में डाल दिया और सारे बैरियर्स हटाते हुए इमारत के अंदर पहुंच गए। उन्होंने सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के संयुक्त सत्र के स्थगन के बाद उनसे मुलाकात कर एरिजोना के इलेक्टोरल कॉलेज वोटों पर अपनी आपत्ति जताई। दंगाई सीनेट कक्ष तक पहुंच गए वहां से उप-राष्ट्रपति को सुरक्षा कर्मियों ने बाहर निकाला। वहीं दंगाइयों को सीनेट प्रेसिडेंट की कुर्सी पर बैठे, ट्रंप के झंडे और तख्तियों के साथ पूरे कमरे में घूमते देखा गया।


डेमोक्रेटिक रिप्रजेंटेटिव राजा कृष्णमूर्ति ने ट्वीट कर कहा, "मुझे कैपिटल ग्राउंड में सुरक्षित आश्रय मिल गया है और हम इस भीड़ द्वारा मचाए जा रहे उत्पात और हिंसा को देख रहे हैं, जो राष्ट्रपति के आग्रह पर और उनके द्वारा निष्पक्ष लोकतांत्रिक चुनाव के परिणाम को स्वीकार करने से इनकार करने के दावे का अनुसरण करते हुए ऐसा कर रहे हैं।" एनबीसी टीवी पर एक टीवी क्लिप दिखाई गई, जिसमें रिप्रजेंटेटिव प्रमिला जयपाल को अन्य लोगों के साथ हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की गैलरी में दिखाया गया। इस पूरे हंगामे को देखते हुए बाइडेन ने मांग की कि ट्रंप राष्ट्रीय टेलीविजन पर आएं और अपने समर्थकों से कैपिटल की घेराबंदी खत्म करने और यहां से वापस जाने के लिए कहें। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रम्प, आगे आएं।"

इसके कुछ समय बाद ट्रंप ने एक वीडियो ट्वीट कर समर्थकों से घर जाने के लिए कहा। उन्होंने ट्वीट किया, "मैं अमेरिकी कैपिटल में सभी से शांति बनाए रखने के लिए कह रहा हूं। हिंसा न करें! याद रखिए, हम लॉ एंड ऑर्डर वाली पार्टी हैं। कानून और ब्लू कलर (डेमोक्रेटिक पार्टी के लोग) वाले महान पुरुषों और महिलाओं का सम्मान करें। धन्यवाद।" इस पूरे मामले को लेकर न केवल बाइडेन बल्कि ट्रंप की पार्टी के सदस्यों ने भी ट्रंप को ही हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जिसके जरिये उनके समर्थकों ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खतरा पैदा किया है। इस दौरान कांग्रेस के सदस्य कैपिटल बिल्डिंग में सुरक्षित स्थानों पर रहे और कई विधायकों ने इलेक्टोरल कॉलेज के वोटों की पुष्टि करने की प्रक्रिया को पूरा करने का संकल्प लिया। डेमोक्रेटिक सीनेटर टैमी डकवर्थ ने टीवी पर कहा कि कांग्रेस के सदस्य भीड़ के कारण बाहर नहीं जाएंगे और अपने कार्य को पूरा करने के लिए यहां रुकेंगे, हालांकि इसमें काफी समय लगेगा।

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