Abraham Lincoln Biography In Hindi | अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय

Abraham Lincoln Biography In Hindi | अब्राहम लिंकन Abraham Lincoln संयुक्त राज्य अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे और जिन्हें संघ के उद्धारकर्ता और दासों के मुक्तिदाता के रूप में उनकी भूमिका के कारण वह अमेरिका के सबसे महान नायकों में से एक माने जाते है।

Update: 2020-11-27 13:22 GMT

Abraham Lincoln Biography In Hindi | अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय

  • पूरा नाम अब्राहम थॉमस लिंकन
  • जन्म 12 फरवरी, 1809
  • जन्मस्थान केंटुकी (अमेरिका)
  • पिता थॉमस लिंकन
  • माता नेन्सी
  • पत्नी मेरी टॉड
  • पुत्र रॉबर्ट टॉड, एडवर्ड बेकर, विलियम वालेस, टाड
  • शिक्षा वकालत
  • व्यवसाय अमेरिकी राष्ट्रपति, वकील
  • नागरिकता अमेरिकन

अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln Biography in Hindi)

Abraham Lincoln Biography In Hindi | अब्राहम लिंकन Abraham Lincoln संयुक्त राज्य अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे और जिन्हें संघ के उद्धारकर्ता और दासों के मुक्तिदाता के रूप में उनकी भूमिका के कारण वह अमेरिका के सबसे महान नायकों में से एक माने जाते है। लोकतंत्र और आग्रह का उनका स्पष्ट समर्थन था कि संघ स्वयं-सरकार के आदर्शों को सहेजने के लायक था जिसे सभी राष्ट्र प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। लिंकन के विशिष्ट मानवीय व्यक्तित्व और राष्ट्र पर अविश्वसनीय प्रभाव ने उन्हें एक स्थायी विरासत के साथ संपन्न किया था। उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान देश का नेतृत्व किया।

प्रारंभिक जीवन (Abraham Lincoln Early Life)

अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को होड्जेविल्ले, केंटकी में हुआ था। वो एक अश्वेत गरीब परिवार में जन्मे थे। उनके पिता थॉमस एक मजबूत और निर्धारित मार्ग प्रशस्त करने वाले इन्सान थे और समाज में सम्माननीय भी थे। उनके पिता एक किसान थे। अब्राहम की एक बड़ी बहन सारह और एक छोटा भाई थॉमस था, जिनकी बचपन में ही मृत्यु हो गई।

हालाँकि लिंकन का शुरुवाती जीवन तक़लीफ़ से बिता। जमीन के विवाद के समय 1817 में लिंकन को केंटुकी से इंडिआना के पैरी काउंटी में आना पड़ा, जहाँ उनका परिवार बहुत ही मुश्किलों में रह रहा था, किन्तु थॉमस ने अंत में एक जमीन खरीदी।

1830 में अब्राहम अपने परिवार के साथ मैकॉन काउंटी में रहने चले गए। अब्राहम की उम्र इस समय 22 वर्ष थी, वे यहाँ आकर मजदूरी का काम करने लगे। शुरुवात में छोटी – मोटी नौकरीयां किया करते थे, किन्तु अंत में इन्होने एक जनरल स्टोर खोल ली। ये सब कुछ सालों तक चलता रहा। 1837 में अब्राहम लिंकन ने राजनीती की ओर कदम बढ़ाया। और वे व्हिग़ पार्टी के नेता बन गए।

1844 में अब्राहम लिंकन ने विलियम हेर्नदों के साथ वकालत का प्रशिक्षण किया और कुछ समय बाद वे वकील बन गए। वकालत से उन्होंने ज्यादा पैसे नही कमाए, किन्तु उनको उनकी वकालत से मानसिक शांति और संतोष मिलता था। 

राजनीतिक करियर (Abraham Lincoln Political Career) :

1854 में लिंकन ने फिर से राजनीती में कदम रखा। राजनीती के चलते वे बहुत से चुनाव में खड़े हुए। तब वे व्हिग़ पार्टी से जुड़े हुए थे, किन्तु कुछ समय बाद वह पार्टी खत्म हो गई। 1856 में नए गणतंत्रवाद के सदस्य बन गए। इस नई पार्टी के वे बहुत ही काबिल नेता साबित हुए। इस समय वे उप राष्ट्रपति के लिए चुनाव में खड़े हुए और उन्हें बहुत कम वोट मिले, जिससे वे इस चुनाव में हार गए। 

उस समय राष्ट्र का पूरा ध्यान केंसास में हो रही हिंसा और डरेड स्कॉट के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसला की तरफ चला गया था, जोकि नये राज्य में गुलामी के मामले के वाद विवाद पर था। लिंकन को लोग बहुत पसंद करते थे, क्यूकि लिंकन ने देश में हो रही गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए बहुत से काम किये। 

उन्होंने एक भाषण में कहा कि -"राष्ट्र का बटवारा नही हो सकता, आधे गुलाम और आधे बिना गुलाम नही रह सकते, सभी एक जुट होकर ही रहेंगे"। अब्राहम लिंकन के इस भाषण और उनके कार्य को देखकर उनका नाम अमेरिका के राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में चुना गया। 

अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए (Abraham Lincoln As a President of America) 

अब्राहम लिंकन 1860 में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए थे। वह गुलामी की समस्या को हल करना चाहते थे। दक्षिणी राज्यों के लोग गुलामी के उन्मूलन के खिलाफ थे। इससे देश की एकता में खतरे आ सकता है। दक्षिणी राज्य एक नए देश बनाने की तैयार कर रहा था। परन्तु अब्राहम लिंकन चाहता था की सभी राज्यों एकजुट हो कर रहे और गुलामी की प्रथा को खत्म करना चाहते थे।

1861 में मिसिसिप्पी, फ्लोरिडा, अल्बामा, जेओर्गिया, लौइसिआन और टेक्सास अलग हो गए और एक गृहयुद्ध शुरू हो गया। जैसे -जैसे युद्ध बढ़ता गया, लिंकन ने खुद से वादा किया और देश के लिए उन्मूलनवादी आन्दोलन चलाया, और वे इसमें सफल रहे। 1863 में अंत में बंधक मुक्त की घोषणा की और राज्य में गुलामो की आजादी के डॉक्यूमेंट बन गए, किन्तु मिसौरी, केंसास, नेब्रास्का और अर्कांसस में गुलामों को क़ानूनी दाँव पेंच से आजादी नहीं मिली।

31 जनवरी 1865 को तेरावी घटना ठिक करके इस आदेश को घटना मे स्थान दिया। यादवी जंग का अब्राहम लिंकन के तरफ झुक रहा था और उनका समय 1864 मे खतम होने वाला था। उन्होंने फिरसे चुनाव लढवाने की का निर्णय लिया और वो 8 नवंबर 1865 को आसानी से चुनकर आये। तब तक यादवी जंग आखरी मोड पर आ चुकी थी।

4 मार्च 1865 को अब्राहम लिंकन इनका दुसरी बार शपथ समारोह हुवा। शपथ समारोह होने के बाद लिंकन इन्होंने किया होवा भाषण बहोत मशहूर हुवा। उस भाषण से बहोत लोगो के आख मे आसु आ गये। 9 अप्रैल 1865 को बंडखोर के सैन्य का जनरल ली इसने शरण आकर यादवी जंग खतम किया। 

मृत्यु (Abraham Lincoln Death)

14 अप्रैल 1865 को वॉशिंग्टन के एक नाट्यशाला मे नाटक देख रहे थे तभी ज़ॉन विल्किज बुथ नाम के युवक ने उनको गोली मारी। इस घटना के बाद दुसरे दिन 54 वर्ष की आयु में 15 अप्रैल 1865 के सुबह अब्राहम लिंकन की मौत हुयी।

अपनी जिंदगी मे कई बार असफलताओ का सामना करने वाले अब्राहम लिंकन आख़िरकार अमेरिका के एक सफल राष्ट्रपति बने थे। वे संयुक्त राज्य अमेरिका के ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने देश और समाज की भलाई के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा उनको अपना आदर्श मानते हैं

लिंकन को आधुनिक युग के सबसे महान व्यक्तियों में से एक माना जाता है। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला तो खुद लिंकन का हौसला और मेहनत है जो उन्हें एक गरीब घर में पैदा हुए बच्चे से वकालत तक और फिर बार-बार असफल होने के बाद भी अमेरिका के राष्ट्रपति पद तक ले आया। दूसरा कारण है उन्होंने अमेरिका में गुलाम प्रथा को कानूनी रूप से खत्म करके लाखों मनुष्यों को उनके मानव होने का अधिकार दिया।

विचार :

  1. • तुम जो भी हो, नेक बनो.
  2. • मैं एक धीमी गति से चलता ज़रूर हूँ, लेकिन कभी वापस नहीं चलता
  3. • अगर एक बार आप अपने नागरिकों (जनता) का भरोसा तोड़ दें, तो आप फिर कभी उनका सम्मान और आदर नहीं पा सकेंगे.
  4. • निश्चित कर लो कि तुम्हारे पैर सही जगह पर पड़े हैं तब सीधे खड़े हो.
  5. • यदि शांति चाहते हो तो लोकप्रिय होने से बचो.
  6. • साधारण दिखने वाले लोग ही दुनिया के सबसे अच्छे लोग होते हैं : यही वजह है कि ईश्वर ऐसे ही बहुत से लोगों का सृजन करते हैं.
  7. • हमेशा ध्यान में रखिये कि आपके द्वारा सफल होने का लिया गया संकल्प किसी भी अन्य संकल्प से ज्यादा महत्त्वपूर्ण है.
  8. • एक पेड़ काटने के लिए आप मुझे 6 घंटे दें और मैं पहले 4 घंटे अपनी कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा।
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