Ajit Doval Biography in Hindi | अजीत डोभाल की जीवनी

Ajit Doval Biography in Hindi

Update: 2020-11-22 16:49 GMT

Ajit Doval Biography in Hindi | अजीत डोभाल की जीवनी

भारत के जासूस अजीत डोभाल जीवन परिचय (Ajit Doval Biography, story, Family, news in hindi)

  • नाम अजीत डोभाल
  • जन्म 20 जनवरी 1945
  • जन्मस्थान उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल
  • पिता गुनानंद डोभाल
  • पत्नी अनु डोभाल
  • पुत्र शौर्य डोभाल
  • व्यवसाय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
  • पुरस्कार कीर्ति चक्र, वीर चक्र, शौर्य चक्र
  • नागरिकता भारतीय

राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल (Ajit Doval Biography in Hindi)

अजीत कुमार डोभाल एक सेवानिवृत्त आई.पी.एस अधिकारी है। लेकिन कई ऐसे आई.पी.एस अधिकारी है, जो अपनी पूरी सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हो जाते है। लेकिन अजित जी का नाम आज भी भारत के सुरक्षा मुद्दो पर अग्रणीय है। डोभाल भारत के प्रधानमंत्री जी का प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार है। और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सफल सर्जिकल स्ट्राइक करके दुश्मन की चैन उड़ा चुके है। National Security Advisor Ajit Doval

प्रारंभिक जीवन (Ajit Doval Early Life)

अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी, 1945 को पौड़ी गढ़वाल के गिरि बानसेल्युन गाँव में हुआ था। अजीत डोभाल के पिता का नाम गुनानंद डोभाल था। वे भारतीय सेना में एक अधिकारी थे। Ajit Doval Biography in Hindi

शिक्षा (Ajit Doval Education)

अजीत डोभाल ने अपनी शरुआती शिक्षा अजमेर के मिलिट्री स्कूल में की थी। और इसके बाद इन्होने आगरा विश्व विद्यालय में अर्थशास्त्र में एम.ए किया, फिर अजीत डोभाल आई.पी.एस की तैयारी में लग गए। और कड़ी मेहनत के दम पर उन्हों ने 1968 में आई.पी.एस के लिए सिलेक्ट हो गए।

शादी (Ajit Doval Marriage)

अजीत डोभाल की पत्नी का नाम अनु डोभाल है। उनके बेटे का नाम शौर्य डोभाल हे। और वो एक व्यक्तिगत पेशेवर और प्रसिद्ध नीति सिद्धांतवादी हैं। वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं।

अजीत डोभाल पुलिस करियर के रूप में (Ajit Doval Police Career)

1968 की साल में अजीत डोभाल ने अपने करियर की शरुआत की थी। उसी वक्त पंजाब और मिजोरम में हुये, उग्रवाद विरोधी आंदोलन में अजीत डोभाल शामिल थे। मिजोरम में अजीत जी ने मिज़ो नेशनल फ्रंट को कमजोर किया, और वहां शांति की स्थापना की। 1999 की साल में कंधार में यात्रियों केअपहरण हुआ था। उस मुद्दे पर बात करने वाले अजीत जी थे। जिन्होंने यात्रियों के रिहाई के मुद्दे पर देश की ओर से बात की थी।

1971 से 1999 तक हुए सभी 15 हाईजेकिंग में शामिल होने का अजीत जी को अनुभव प्राप्त है। मुख्यालय में उन्होंने ज्यादा समय तक आईबी में संचालन के तौर पर भी काम किया था। और मल्टी एजेंसी सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष साथ ही इंटेलिजेंस पर संयुक्त टास्क फोर्स पद पर लम किया था। पंजाब में रोमानियों के रेसक्यू ऑपरेशन में अजीत जी की भूमिका अहम थी। और उन्हों ने स्वर्ण मंदिर में प्रवेश कर के महत्वपूर्ण जानकारियाँ एकत्रित की थी।

अजीत डोभाल एजेंट के रूप में (Ajit Doval As Undercover Agent)

अजीत डोभाल पाकिस्तान में 7 साल तक अपना धर्म बदलकर रहे थे। और वहा से उन्होंने कई सारी महत्वपूर्ण जानकारीयां भी इकट्ठा की थी। अजीत डोभाल ने 46 भारतीय नर्सों की रिहाई करवाने में महवपूर्ण भूमिका निभाई थी। जो इराक में फसी हुई थी। और जिनके परिवारों ने भी इनसे अपना संपर्क खो दिया था।

इसके लिए वो खुद इराक गए, और गुप्त मिशन पर कार्य किया। अजीत जी ने सेना प्रमुख के साथ म्यांमार के बाहर चल रहे, आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया था। यह मिशन में 50 आतंकवादियों को ढेर करते हुये, एक सफल आंदोलन साबित हुआ था।

2005 की साल में अजीत डोभाल इंटेलेजेंसी ब्यूरो के डायरेक्टर के पद से निवृत्त हुये, इसके बाद में वो विवेकानंद इंटरनेशनल फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष बने। 2011 में उन्होंने "इंडियन ब्लैक मनी, सीक्रेट बैंकों और टैक्स हैवन्स" पर दो रिपोर्टों को लिखा।

अजीत डोभाल राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Ajit Doval As National Security Advisor) :

2014 के साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजीत डोभाल को देश के 5 वें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार में नियुक्त किया गया था। और बाद में उन्हें 5 साल के लिए NSA में फिर से नियुक्त किया गया था। और अजीत डोभाल को केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री का रैंक दिया गया। और 2018 की साल में स्ट्रेटेजिक पॉलिसी ग्रुप का अध्यक्ष भी बनाया गया था।

अजीत डोभाल को पाकिस्तान के संबंध में भारतीय सुरक्षा नीतियों में बदलाव करने का श्रेय भी प्राप्त है। 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक में अजीत जी कि भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जाता है, अजीत डोभाल की योजना से भारत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुआ है।

पुलवा में आतंकी हमला के जवाब में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गई, कार्यवाही में भी अजीत डोभाल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। और इसके बाद पाकिस्तान की और से की जाने वाली कार्यवाही के लिए भी हिंदुस्तान की सेना को तैयार रखने की ज़िम्मेदारी में भी अजीत डोभालने ने अच्छी तरह संभाली हुई थी।

पुरस्कार और सम्मान (Ajit Doval Awards)

  • 1988 में कीर्ति चक्र से भी नवाजा गया।
  • 2018 में कुमाऊं विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टरेट की पदवी से सम्मानित किया गया।
  • 2018 में एमिटी यूनिवर्सिटी द्वारा दर्शनशास्त्र में डॉक्टरेट की पदवी से भी सम्मानित किया गया था।
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