Malala Yousafzai Biography in Hindi | मलाला यूसुफजई का जीवन परिचय
Malala Yousafzai Biography in Hindi |
Malala Yousafzai biography|Malala Yousufzai Biography in Hindi | "I am Malala" | Stronger than FEAR | मलाला यूसुफजई का जीवन परिचय
- पूरा नाम मलाला युसूफजई
- जन्म 12 जुलाई 1997
- जन्मस्थान मिंगोरा, पाकिस्तान
- पिता जियाउद्दीन युसूफजई
- माता टूर पकाई युसूफजई
- शिक्षा स्नातक की डिग्री दर्शनशास्त्र
- व्यवसाय महिला अधिकार कार्यकर्ता
- पुरस्कार शांति का नोबेल पुरस्कार
- नागरिकता पाकिस्तानी
सामाजिक कार्यकर्त्ता मलाला युसूफजई (Malala Yousafzai Biography in Hindi)
मलाला युसूफजई एक अंतराष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं। उन्हें बच्चों के अधिकारों की कार्यकर्ता होने के लिए जाना जाता है। मलाला युसूफजई की जीवनी बहुत ही प्रेरणादायी हैं। छोटी सी उम्र आतंकवादियों से लोहा लेने वाली युसूफजई को सबसे कम उम्र में शांति का नोबल मिला प्रदान किया गया।
प्रारंभिक जीवन (Malala Yousafzai Early Life)
मलाला युशुफ़ज़ई का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के स्वात जिले में स्थित मिंगोरा शहर मे हुवा। उनके पिता का नाम जियाउद्दीन युसूफजई था और उनकी माता का नाम टूर पकाई युसूफजई था। मलाला के पिता जियाउद्दीन युसूफजई शिक्षाविद है और खुशहाल पब्लिक स्कूल स्कूल की श्रंखला चलाते है। मलाला शुरू से पढ़ना लिखना पसंद करती थी।
शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष (Malala Yousafzai Struggle for Education)
जिस उम्र मे बच्चे पढाई-लिखाई और खेल-कूद में व्यस्त होते हैं उस छोटी सी उम्र में एक लड़की शिक्षा को अपना हथियार बना दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों से लोहा ले रही थी। मिंगोरा पर तालिबान ने मार्च 2009 से मई 2009 तक कब्जा कर रखा था। जब तक की पाकिस्तानी सेना ने क्षेत्र का नियंत्रण हासिल करने के लिए अभियान शुरू किया।
संघर्ष के दौरान 11 साल की उम्र में ही मलाला ने डायरी लिखनी शुरू कर दी थी। जिसमें उसने स्वात में तालिबान के कुकृत्यों का वर्णन किया था और अपने दर्द को डायरी में बयां किया। डायरी लिखने की शौकीन मलाला ने अपनी डायरी में लिखा था। 'आज स्कूल का आखिरी दिन था इसलिए हमने मैदान पर कुछ ज्यादा देर खेलने का फ़ैसला किया। मेरा मानना है कि एक दिन स्कूल खुलेगा लेकिन जाते समय मैंने स्कूल की इमारत को इस तरह देखा जैसे मैं यहां फिर कभी नहीं आऊंगी।'
पाकिस्तान की 'न्यू नेशनल पीस प्राइज' हासिल करने वाली 14 वर्षीय मलाला यूसुफजई ने तालिबान के फरमान के बावजूद लड़कियों को शिक्षित करने का अभियान चला रखा है। तालिबान आतंकी इसी बात से नाराज होकर उसे अपनी हिट लिस्ट में ले चुके थे। संगठन के प्रवक्ता के अनुसार,'यह महिला पश्चिमी देशों के हितों के लिए काम कर रही हैं। इन्होंने स्वात इलाके में धर्मनिरपेक्ष सरकार का समर्थन किया था। इसी वजह से यह हमारी हिट लिस्ट में हैं।
आतंकवादियों द्वारा हत्या का प्रयास (Malala Assassination Attempt by Terrorists)
14 वर्ष की आयु में अपने उदारवादी प्रयासों के कारण 9 अक्टूबर 2012 की दोपहर को युसूफजई उत्तरी पाकिस्तानी जिले स्वाट की स्कूल बस में चढ़ी. एक गनमैन ने उनसे उनका नाम पूछा, और उनकी तरफ पिस्तौल भी दिखाई और तीन गोलिया चलाई, एक गोली युसूफजई के सिर के बायीं तरफ लगी, और एक उनके कंधे पर लगी। गनमैन ने तेज़ी से उनपर हमला किया लेकिन वह पूरी तरह से अचेत हो चुकी थी और गोलिया लगने के कारण उनकी हालत और भी ख़राब हो गयी थी।
लेकिन जब उन्हें जल्दी से इलाज के लिए इंग्लैंड में बिर्मिंघम के क्वीन एलिज़ाबेथ हॉस्पिटल में ले जाया गया तो उनकी हालत में थोडा सुधार आया। और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गई। पूरी दुनिया में मलाला के स्वस्थ्य होने की प्रार्थना की गई और आखिरकार मलाला वहां से स्वस्थ होकर अपने देश लौट गईं।
टाइम्स पत्रिका के 2013, 2014 और 2015 के संस्करणों में युसूफजई को दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगो की सूचि में भी शामिल किया गया। वह पाकिस्तान का पहली नेशनल यूथ पीस प्राइज प्राप्त करने वाली महिला है।
उसी साल जुलाई में मलाला ने यूनाइटेड नेशन के मुख्य कार्यालय में वैश्विक स्तर पर शिक्षा पर भाषण दिया और अक्टूबर में कनाडा सरकार ने युसूफजई को कनाडा की नागरिकता स्वीकार करने का आमंत्रण भी दिया। लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए लड़ने वाली मलाला के नाम पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने उनके 16वें जन्मदिन पर 12 जुलाई को मलाला दिवस घोषित कर दिया।
2009 में न्यूयार्क टाइम्स ने मलाला पर एक फिल्म भी बनाई थी। स्वात में तालिबान का आतंक और महिलाओं की शिक्षा पर प्रतिबंध विषय पर बनी इस फिल्म के दौरान मलाला खुद को रोक नहीं पाई और कैमरे के सामने ही रोने लगी। मलाला डॉक्टर बनने का सपना देख रही थी और तालिबानियों ने उसे अपना निशाना बना दिया।
"मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना नहीं चाहती जिसे गोली मार दी गयी थी। मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना चाहती हूँ जिसने खड़े हो कर सामना किया" – मलाला
पुरस्कार और सम्मान (Malala Yousafzai Awards)
- 2010 में उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। इस तरह मलाला सबसे कम उम्र में नोबेल प्राप्त करने वाली विजेता बन गईं।
- 19 दिसम्बर 2011 को पाकिस्तानी सरकार द्वारा 'पाकिस्तान का पहला युवाओं के लिए राष्ट्रीय शांति पुरस्कार मलाला युसूफजई को मिला था।
- 2013 में अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार।
- यूरोसंसद द्वारा वैचारिक स्वतन्त्रता के लिए साख़ारफ़ पुरस्कार प्रदान किया गया है।
- 2013 का मानवाधिकार सम्मान (ह्यूमन राइट अवॉर्ड) दिया गया है।
अनमोल विचार –
- "एक किताब, एक कलम, एक बच्चा, और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।"
- "जब पूरी दुनिया खामोश हो तब एक आवाज़ भी ताक़तवर बन जाती है।"
- मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना नहीं चाहती जिसे गोली मार दी गयी थी। मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना चाहती हूँ जिसने खड़े हो कर सामना किया।"
- "लोग कौन सी भाषा बोलते हैं, त्वचा का रंग, या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।"
- "मैं बस एक चीज चाहती हूँ- शिक्षा, और मैं किसी से नहीं डरती।"
- "मैं चरमपंथियों के बेटे-बेटियों के लिए शिक्षा चाहती हूँ, खासतौर से तालिबानियों के।"
- "मैं कहती हूँ कि मैं डर से शक्तिशाली हूँ।"
- "अपनी बेटियों का सम्मान करिए। वे सम्माननीय हैं।"
- "कुछ लोग और लोगों से कुछ करने के लिए कहते हैं। मेरा मानना है कि, मैं किसी और का इंतज़ार क्यों करूँ? क्यों न मैं एक कदम उठाऊं और आगे बढ़ जाऊं।"
- "मैं अपना चेहरा नहीं ढकती क्योंकि मैं अपनी पहचान दिखाना चाहती हूँ।"
- "मैं शांति में यकीन करती हूँ। मैं दया में यकीन करती हूँ।
- "अगर आप किसी व्यक्ति को मारते हैं तो ये दिखता है कि आप उससे डरे हुए हैं।"
- "जिस दिन मुझे गोली मारी गयी, और उसके अगले दिन, लोगों ने 'मैं मलाला हूँ' के बैनर उठाये। उन्होंने ये नहीं कहा कि 'मैं तालिबान हूँ'।"