Shashi Kapoor Biography in Hindi | शशि कपूर का जीवन परिचय

Update: 2020-12-09 12:58 GMT

Shashi Kapoor Biography in Hindi | शशि कपूर का जीवन परिचय

  • नाम बलबीर राज कपूर
  • जन्म 18 मार्च 1938
  • जन्मस्थान कोलकाता, पश्चिम बंगाल, भारत
  • पिता पृथ्वीराज कपूर
  • माता रामसरनी कपूर
  • पत्नी जेनिफर केंडल
  • पुत्र कुणाल कपूर, करण कपूर
  • पुत्री संजना कपूर
  • व्यवसाय अभिनेता, निर्माता
  • पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
  • नागरिकता भारतीय

अभिनेता शशि कपूर (Shashi Kapoor Biography in Hindi)

Shashi Kapoor Biography in Hindi | शशि कपूर भारतीय फिल्म अभिनेता और प्रोड्यूसर है। भारतीय बॉलीवुड सिनेमा के कपूर साम्राज्य के शशि कपूर सदस्य है। कपूर खानदान ने बॉलीवुड को ना केवल कई बेहतरीन फिल्में दी हैं, बल्कि कई सुपरस्टार अभिनेता भी इस इंडस्ट्री को दिए हैं। वहीं कपूर खानदान से तालुक रखने वाले शशि कपूर का नाम भी बॉलीवुड के उन महान अभिनेताओं में शामिल है, जिन्होंने अपने अभिनय के जरिए काफी लोगों का दिल जीता है। शशि कपूर ने कई सारी हिंदी फिल्मों में काम किया है, साथ ही कई फिल्मों का निर्देशन भी इस महानायक ने किया है।

शशि कपूर का प्रारंभिक जीवन (Shashi Kapoor Early Life)

शशि कपूर का जन्म 18 मार्च, 1938 को बिर्टिश राज में कलकत्ता में हुआ था। वह फिल्म जगत के मशहूर निर्माता-निर्देशक पृथ्वीराज कपूर के बेटे हैं। बलबीर राज कपूर को उनके परिवार के लोग प्यार से शशि बुलाया करते थे। शशि कपूर से बड़े उनके दो भाई थे, जो कि अभिनेता राज कपूर और शम्मी कपूर थे। शशि कपूर के परिवार के लगभग सभी सदस्य फिल्मी दुनिया से जुड़े हुए थे।

शिक्षा (Shashi Kapoor Education)

इन्होने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंबई के डोन बोस्की सकूल से पूरी की। 

निजी जिंदगी (Shashi Kapoor Married Life)

जेनिफर, ज्यॉफ्री की ही बेटी है। शशि कपूर से लगातार मिलते रहने के बाद वे दोनों एक दूजे के प्यार में पड़ गये। और इसके बाद शुरू-शुरू में केंडल उनका विरोध करने लगे थे, लेकिन दूसरी तरफ से उनकी ननद गीता बाली उनको सहायता भी कर रही थी। परिणामस्वरूप जुलाई, 1958 में उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद बहुत सी फिल्मो में उन्होंने साथ में काम किया है। उनके कुल तीन बच्चे है। कुनाल कपूर, करण कपूर और संजना कपूर।


करियर (Shashi Kapoor Career)

शशि ने नायक के रूप में सिने करियर की शुरवात वर्ष 1961 में यश चोपड़ा की फिल्म "धर्म पुत्र " से की थी। और इसके बाद से उन्होंने 116 फिल्मे की जिसमे से 61 फिल्मो में सोलो लीड हीरो, 55 मल्टीस्टारर हीरो, 21 फिल्मो में सहायक अभिनेता और 7 फिल्मो में गेस्ट दी थी। इसके बाद उन्हें विमल राय की फिल्म "प्रेम पत्र" में भी काम करने का मौका मिला लेकिन दुर्भाग्य से ये दोनों फिल्मे असफल साबित हुयी। इसके बाद उन्होंने "मेहंदी लगी मेरे हाथ" और "हॉलिडे इन बॉम्बे" जैसी फिल्मो में काम किया लेकिन ये भी टिकट खिड़की पर बुरी तरह नकार दी गयी।

1965 शशि कपूर के सिने करियर का अहम साबित हुआ। इस साल उनकी "जब जब फुल खिले" प्रदर्शित हुई। बेहतरीन गीत ,संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की जबरदस्त कामयाबी ने न सिर्फ अभिनेत्री नंदा को बल्कि गीतकार आनन्द बक्शी और संगीतकार कल्याणजी-आनन्दजी को शोहरत की बुलन्दियो तक पहुचा दिया। 1965 में शशि के सिने करियर में एक ओर सुपरहिट फिल्म "वक्त" रिलीज़ हुयी। इस फिल्म में उनके साथ बलराज साहनी ,राजकुमार और सुनील दत्त जैसे नामी सितारे भी थे।

इनकी सफलता से उनकी छवि रोमांटिक हीरो की बन गयी। 1965 से 1976 के बीच कामयाबी के सुनहरे दौर में उन्होंने जिन फिल्मो में काम किया, उनमे ज्यादातर फिल्मे हिट साबित हुयी, लेकिन अमिताभ बच्चन के आने के बाद पर्दे पर रोमांस का जादू चलाने वाले इस अभिनेता से दर्शको ने मुह मोड़ लिया, और उनकी फिल्मे असफल होने लगी।

5 नवम्बर, 1978 को जेनिफर और शशि ने ही मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना की थी। 1984 में कैंसर की वजह से जेनिफर की मृत्यु हो गयी, जिसका शशि को गहरा सदमा भी लगा। इसके बाद कुछ ही समय में कपूर के बेटे भी हिंदी फिल्म अभिनेता बन गये थे। लेकिन उनके यूरोपियन दिखावट और हिंदी उच्चारण की वजह से उनका करियर ज्यादा सफल और लम्बा नही रहा।

1991 में अपने मित्र अमिताभ बच्चन को लेकर उन्होंने अपनी फिल्म "अजूबा" का निर्माण और निर्देशन किया, लेकिन कमजोर पटकथा की वजह से फिल्म असफल साबित हुयी। हालांकि यह फिल्म बच्चो के बीच काफी लोकप्रिय रही। 

नाटको में बाल कलाकार (Shashi Kapoor Child Artist in Drama)

बचपन से ही शशि कपूर को अभिनय करने का काफी शौक था। और उनका ये शौक आगे जाकर उनका करियर बन गया। शशि अपने पिता पृथ्वीराज कपूर द्वारा निर्मित नाटको में यात्रा करते समय पृथ्वी थिएटर के साथ अभिनय किया करते थे। 1940 में उन्होंने एक बालक के रूप में फिल्मो में एक्टिंग करना शुरू की थी।

उन्हों ने संग्राम (1950) और दाना पानी (1953) जैसी फिल्मो में उन्होंने शशिराज के नाम से काम किया था। बाल्य कलाकार के रूप में उनका सबसे सफल प्रदर्शन फिल्म आग (1948) और आवारा (1951) में रहा, जिसमे उन्होंने हीरो के बचपन का किरदार निभाया, 1948 से 1954 तक बाल्य कलाकार के रूप में उन्होंने चार हिंदी फिल्मो में काम किया है।

पुरस्कार और सम्मान (Shashi Kapoor The Honors)

  • जब फूल खिले राजा बेस्ट एक्टर का अवार्ड (1965)
  • फिल्म जूनून के लिए बेस्ट फीचर हिंदी फिल्म का नेशनल फिल्म अवार्ड (1979)
  • नयी दिल्ली टाइम्स के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल फिल्म अवार्ड (1986)
  • नयी दिल्ली टाइम्स विकास पांडे बेस्ट एक्टर का अवार्ड (1988)
  • नेशनल फिल्म अवार्ड स्पेशल जूरी अवार्ड (1994)
  • 11 वा मुंबई फिल्म फेस्टिवल (2009)
  • सातवा पुणे इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल
  • लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2010)
  • भारत सरकार ने पद्म भूषण से सम्मानित किया (2011)
  • मोहम्मद रफ़ी अवार्ड (2011)
  • दादा साहेब फाल्के अवार्ड (2015)

मृत्यु (Shashi Kapoor Death)

20 जुलाई, 2012 को अँधेरी के सबअर्बन हॉस्पिटल में शशि कपूर ने एक मोतियाबिंद की सर्जरी करवाई थी। उसी दिन उन्हें हॉस्पिटल से डिस्चार्ज भी कर दिया गया था। लंबे समय से बीमार चल रहे शशि कपूर की मृत्यु 4 दिसंबर, 2017 को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में इलाज के दौरान हुआ। 

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