क्या आप पिंक टैक्स के बारे में जानते हैं? Do you know about Pink Tax?

न्यूयॉर्क में किये गए एक अध्ययन में पाया गया है कि महिलाओं के लिये बने उत्पादों की लागत पुरुषों के लिये बनाए गए समान उत्पादों की तुलना में 7% अधिक होती है। व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों (Personal Care Products) के मामले में यह अंतर 13% तक बढ़ जाता है।

Update: 2020-12-23 17:13 GMT

क्या आप पिंक टैक्स के बारे में जानते हैं? (Do you know about Pink Tax?)

पिंक टैक्स (Pink Tax) महिलाओं द्वारा चुकाई जाने वाली एक इनविज़िबल कॉस्ट (अदृश्य लागत) है। यह राशि उन्हें उन उत्पादों के लिये चुकानी पड़ती है जो विशेष तौर पर उनके लिये डिज़ाइन किये जाते हैं। न्यूयॉर्क में किये गए एक अध्ययन में पाया गया है कि महिलाओं के लिये बने उत्पादों की लागत पुरुषों के लिये बनाए गए समान उत्पादों की तुलना में 7% अधिक होती है। व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों (Personal Care Products) के मामले में यह अंतर 13% तक बढ़ जाता है।


यह अंतर सिर्फ न्यूयॉर्क या विकसित देशों तक ही सीमित नहीं है बल्कि भारत में भी महिलाएँ विशेष रूप से उनके लिये उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला पर पिंक टैक्स का भुगतान करती हैं। उदाहरण के तौर पर अधिकांश सैलून पुरुषों की तुलना में महिलाओं के बाल काटने पर अधिक शुल्क लेते हैं। यह रेज़र और डियोडरेंट जैसे व्यक्तिगत देखभाल संबंधी उत्पादों के लिये भी सही है।

एक प्रसिद्ध ब्रांड के डिस्पोज़ेबल रेज़र की कीमत पुरुषों के लिये लगभग 20 रुपए के आसपास है और उसी कंपनी की महिलाओं के लिये सबसे सस्ती डिस्पोज़ेबल रेज़र की कीमत 55 रुपए के करीब है। जबकि 'महिला संस्करण' पैकेजिंग के अलावा सामान्य से शायद ही अलग हो।

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