योगी आदित्यनाथ (अजय सिंह बिष्ट) का जीवन परिचय | Yogi Adityanath (Ajay Singh Bisht) Biography In Hindi

Yogi Adityanath Biography In Hindi : गोरखपुर से लोकसभा संसद योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति में अपने कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए विख्यात हैं. ये भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राजनीति करते हैं. इनका कथन 'एक हाथ में माला एक हाथ में भाला' इनके कट्टरवाद को दर्शाता है.

Update: 2020-10-27 19:30 GMT

Yogi Adityanath Biography Ajay Singh Bisht to Yogi Life Story Uttar Pradesh Chief Minister

योगी आदित्यनाथ (अजय सिंह बिष्ट) का जीवन परिचय | Yogi Adityanath (Ajay Singh Bisht) Biography In Hindi

  • नाम योगी आदित्यनाथ
  • जन्म 5 जून 1972
  • जन्मस्थान पौड़ी गढ़वाल जिला, उत्तर प्रदेश, भारत
  • पिता श्री आनंद सिंह बिष्ट
  • माता श्रीमती सावित्री देवी
  • शिक्षा B.Sc, M.Sc
  • व्यवसाय राजनीतिज्ञ
  • राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी
  • राष्ट्रियता भारतीय

Yogi Adityanath Biography In Hindi : गोरखपुर से लोकसभा संसद योगी आदित्यनाथ भारतीय राजनीति में अपने कट्टर हिंदुत्व की राजनीति के लिए विख्यात हैं. ये भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राजनीति करते हैं. इनका कथन 'एक हाथ में माला एक हाथ में भाला' इनके कट्टरवाद को दर्शाता है. योगी आदित्यनाथ बहुत छोटी सी उम्र से ही सक्रीय राजनीति में अपना पैर जमाये हुए हैं. योगी सन् 1998 में भारत के बारहवें लोकसभा में चुनाव जीत कर सबसे कम उम्र के सांसद के रूप में देश के सामने आये. इस समय इनकी उम्र 26 वर्ष की थी. योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय से ताल्लुक़ रखते हैं.

योगी आदित्य नाथ का शुरूआती जीवन (Yogi Adityanath Early Life)

योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 में उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में एक राजपूत परिवार में हुआ. बचपन में इनका नाम अजय सिंह था. इनके पिता महंत अवैद्यनाथ जी महाराज गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत थे. उनकी मृत्यु के बाद योगी अब स्वयं इस मंदिर के महंत हैं. इन्होने एच.एन.बी. गढ़वाल विश्वविद्यालय विज्ञान में स्नातक किया है. इन्होने हिन्दू युवाओं को एक साथ लाकर हिन्दू युवा वाहिनी का निर्माण किया. ये संगठन सदैव ही किसी न किसी तरह के विवादों में उलझा रहता है. योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह बिष्ट है। अजय सिंह बिष्ट का जन्म 5 जून 1972 को पिचूर गाँव, यमकेश्वर तहसील पौढी गडवाल उत्तराखंड में एक राजपूत परिवार में हुवा था। इनके पिता का नाम आनंद सिंह बिष्ट और माता का नाम सावित्री देवी है। उनके पिता वन फोरेस्ट रेंजर थे। योगी जी अपने माता -पिता की पाँचवी औलाद है। योगी जी की तीन बड़ी बहने एक बड़े भाई और दो छोटे भाई है।

शिक्षा (Yogi Adityanath Education)

योगी जी ने 1977 में टिहरी गडवाल के गजा के स्कूल से अपनी शिक्षा की शुरुआत की। 1989 को इन्होने ऋषिकेश के भरत मन्दिर इन्टर कॉलेज से 12th पास करी और 1992 में हेमवती नन्दन बहुगुणा गडवाल विश्वविद्यालय से इन्होने गणित में B.Sc की और इसी कॉलेज से M.Sc भी की।

गोरखनाथ मन्दिर के महंत बने (Yogi Adityanath Mahants of Gorakhnath Temple)

आदित्यनाथ ने 21 वर्ष की आयु में अपने परिवार को त्याग दिया और 1993 में योगी जी गोरखपुर आए और यहाँ उनकी मुलाक़ात गोरखनाथ मन्दिर के महंत अवैधनाथ जी हुई और उनके शिष्य बने। इसके बाद, उन्हें 'योगी आदित्यनाथ' नाम दिया गया और महंत अव्यानाथ के उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया गया। महंत अवैधनाथ जी की म्रत्यु के बाद योगी जी को गोरखनाथ मन्दिर का महंत बना दिया गया। वहां एक स्कूल की स्थापना 1998 में हुई।

12 सितंबर 2014 को उनके शिक्षक महंत आवेदनाथ की मृत्यु के बाद उन्हें गोरखनाथ गणित के महंत या महायाजक के पद पर पदोन्नत किया गया था। योगी आदित्यनाथ को 14 सितंबर 2014 को नाथ संप्रदाय के पारंपरिक अनुष्ठानों के बीच गणित के पीताधारीश्वर बनाया गया था।

योगी आदित्यनाथ का हिन्दू युवा वाहिनी संगठन (Yogi Adityanath Hindu Yuva Vahini)

हिन्दू युवा वाहिनी योगी आदित्यनाथ द्वारा स्थापित केवल हिन्दुओं का संगठन है. इस संगठन पर पुलिस ने सन 2005 में मउ में हुए दंगों का आरोप लगाया. इस दंगे में ये हिन्दू दल मुख़्तार अंसारी नाम के एक विधायक, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक कृष्णानंदा राय की हत्या का आरोप था, के विरोध में दंगा किया था. इसके साथ ही हिन्दू युवा वाहिनी पर 2007 में गोरखपुर दंगे का भी आरोप लगा.

कट्टर हिंदूवादी छवि (Yogi Adityanath Staunch Hinduist)

कट्टर हिंदूवादी और नाथ सम्प्रदाय के प्रमुख भाजपा से पांच बार सांसद रहे योगी से महंथ बने आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए विधायक दल का नेता चुन लिया गया। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे नाथ सम्प्रदाय के महंथ अबैद्य नाथ ने योगी को न सिर्फ दीक्षा देकर गोरखनाथ मंदिर का उत्तराधिकारी बनाया बल्कि अपने ही नेतृत्व में देश की सबसे बड़ी पंचायत में 1998 में सांसद बनवाने का काम किया।

2007 के गोरखपुर में हुए दंगों में योगी का नाम भी आया और उन्हें मुलायम सरकार में गिरफ्तार भी किया गया। छुआछूत और हिन्दू जातियों को एकता के सूत्र में पिरोने में माहिर योगी के गुरु अवैद्यनाथ की वर्ष 2015 में मौत के बाद योगी आदित्य नाथ महंत आदित्यनाथ बन गए।

योगी आदित्य नाथ का राजनैतिक करियर (Yogi Adityanath Political Career)

योगी आदित्यनाथ देश के बारहवें लोकसभा चुनाव में गोरखपुर से चुनाव जीत कर 26 वर्ष की उम्र में सबसे कम उम्र के सांसद बने. सन 1998- 99 में ये कमेटी ऑफ़ फ़ूड, सिविल सप्लाई, डिपार्टमेंट ऑफ़ सुगर एंड एडिबल आयल, मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर्स आदि में काम किये. सन 1999 में तेरहवीं लोकसभा में ये पुनः निर्वाचित हुए और पुराने सभी पदों पर बने रहे. सन 2004 में पुनः अपनी इसी सीट से इन्होने चुनाव जीता और सभी पुराने पदों पर काम करते रहे. सन 2009 में पन्द्रहवें लोकसभा में इन्हें लोगों ने फिर से अपना प्रतिनिधि चुना और इस बार वे परिवहन, पर्यटन और संकृति के कमिटी मेम्बर हुए. इसके बाद पुनः सन 2014 में भारत के सोलहवें लोकसभा में ये गोरखपुर सीट से चुनाव जीत कर पुनः लोकसभा सांसद बने.

इसके अलावा ये हिन्दू महासभा के अध्यक्ष भी हैं. तात्कालिक समय में गुरु गोरखनाथ मंदिर के महंत आवैद्यानाथ की मृत्यु के बाद इन्हें इस मंदिर का पीठाधिश्वर बनाया गया. यह मंदिर नाथ संप्रदाय के पुराने रीति – रवाजों का पालन करता है.

राजनैतिक विवादों में आदित्यनाथ (Yogi Adityanath Controversies)

योगी आदित्यनाथ पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन मामलों में कुछ दंगे भड़काने का आरोप, हत्या की कोशिश, बहुत खतरनाक हथियारों को रखने का आरोप, ग़ैर क़ानूनी तरह से सभा लगाना आदि है. इसके अलावा इन पर और भी आरोग लगाये गए.

धर्मान्तरण:- सन 2005 में योगी आदित्यनाथ पर क्रिस्टियन लोगों को धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा था. इन पर आरोप था कि ये ईसाई धर्म के लोगों को किसी विशेष तरह से हिन्दू धर्म में बदलने की कोशिश कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश के एटा नामक जगह पर इन्होने लगभग 1800 ईसाइ धर्म के लोगों को हिन्दू धर्म में परिवर्तित कर दिया था.

दंगे और गिरफ्तारियां:- जनवरी 2007 में हिन्दुओं और मुस्लिमो के बीच मुहर्रम के दौरान एक तकरार हुई थी. इस तकरार में युवा वाहिनी का एक सदस्य राज कुमार अग्रहरी भी था. उस क्षेत्र के जिलाधीश ने योगी से बात की और उन्हें उस जगह पर न जाने को कहा. शुरू में योगी मान गये पर इसी दौरान इस तनाव में अग्रहरी की मृत्यु हो गयी. इस घटना से उत्तेजित होकर योगी मजिस्ट्रेट की बात न मान कर अपने अनुयायीओं के साथ उस तकरार वाली जगह पर पहुँच गये. आदित्य नाथ ने पहले तो एक अहिंसक धरना दिया, लेकिन योगी की बातों ने उनके कुछ अनुयायियों को भड़का दिया, और उन लोगों ने मिलकर वहाँ पर स्त्थित एक मज़ार में आग लगा दी. इसके बाद पूरे क्षेत्र में लोकल पुलिस द्वारा कर्फ्यू लग गया, योगी ने इस कर्फ्यू को भी नहीं माना, और उन्हें इंडियन पेनल कॉड की धारा 151A , 146, 279, 506 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इस गिरफ्तारी से क्षुब्ध होकर हिन्दू युवा वाहिनी के सदस्यों ने मुंबई – गोरखपुर एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे जला डाले. इस घटना के बाद वहाँ के तात्कालिक ज़िलाधिकारी और लोकल पुलिस चीफ़ का तबादला कर दिया गया. उसके बाद गोरखपुर में कई मस्जिदों, घरो, बसों, ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया गया. जेल से छूटने के बाद योगी ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध लोकसभा में भी किया.

योगी आदित्यनाथ के विवादास्पद बयान (Yogi Adityanath Controversial Statements)

योगी आदित्यनाथ ने कुछ विवादास्पद बयान भी दिए, जो इस प्रकार हैं –

  1. योग पर:-  9 जून 2015 को योगी जी ने उन लोगों को अपना निशाना बनाया, जो लोग योग नहीं करते या योग में सूर्यनमस्कार नहीं करते. उन्होंने सभी सूर्य नमस्कार न करने वालों को कहा कि सूर्य नमस्कार का विरोध करने वाले या सूर्य नमस्कार न करने वाले को भारत में रहने का कोई हक़ नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी उन लोगों से गुजारिश है, जो लोग सूर्य में भी हिन्दू – मुस्लिम देखते हैं उन्हें डूबकर मर जाना चाहिए.
  2. शाहरुख़ खान पर:- मीडिया में असहिष्णुता के तर्क- वितर्कों के दौरान योगी जी ने बॉलीवुड हीरो शाहरुख़ खान की तुलना आतंकवादी हाफ़िज़ सईद से की. असहिष्णुता पर शाहरुख़ के बयान को सुनकर उन्होने कहा कि शाहरुख़ को इस देश में बहुसंख्यक समुदाय का ध्यान रखना चाहिए. देश ने उन्हें स्टार बनाया है. यदि देश के लोग उनकी फिल्मे देखना छोड़ दें, तो शाहरुख़ को गलियों में घूमना पड़ेगा.

विवाद (Yogi Adityanath Dispute)

  • 7 सितम्बर 2008 को आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में सांसद योगी आदित्यनाथ बाल-बाल बच गये। यह हमला इतना बड़ा था की सौ से अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहुलुहान कर दिया।
  • आदित्यनाथ गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी। जिलाधिकारी ने बताया की वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए।
  • उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धान्जली सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी।
  • आदित्यनाथ को जेल भेज दिया गया। उन पर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।

योगी आदित्य नाथ का भाजपा से सम्बन्ध (Yogi Adityanath BJP)

योगी काफ़ी लम्बे समय से भाजपा से सम्बन्ध रखते हैं. 2006 में उन्होंने गोरखपुर में एक विराट हिन्दू सम्मलेन का आयोजन किया था. इसी समय लखनऊ में भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारी बैठक रखी थी. इस दौरान 2007 में उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी और योगी के बीच तनाव देखा गया. हालाँकि बाद में सब सामान्य हो गया.

उत्तरप्रदेश मुख्यमंत्री (Yogi AdityanathUttar Pradesh Chief Minister) :

  • योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के 2017 विधानसभा चुनावों में एक प्रमुख भाजपा प्रचारक थे। उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की एक प्रकांड बहुमत से जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नेता दिखे। इस सभी को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्यानाथ ने बीती 19 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के पद के लिए शपथ ग्रहण किया।
  • योगी के शपथ समारोह में केंद्र के कई बड़े नेता प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक ही मंच पर दिखे। योगी ने मुख्यमंत्री बनते हुए सामाज के सभी समुदायों और वर्गों के लिए कार्य करने की शपथ ली। इनके कैबिनेट में कुल 47 मंत्री शामिल हैं। योगी ने मुख्यमंत्री बनने के साथ ही अपने फैसले सुनाने शुरू कर दिए है। उन्होंने उत्तरप्रदेश के लोगों के लिए कई बड़ी बातों का ऐलान किया है।
  • सत्ता में आने के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में गाय तस्करी, तम्बाकू, पैन और गुटका पर प्रतिबंध लगा दिया और राज्य में विरोधी-रोमीओ दस्ते बनाए। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस ने 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 15 बड़े फ़ैसले (Yogi Adityanath 15 Major Decisions)

उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की बहुमत से जीत के बाद मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नेता दिखे. इस सभी को पीछे छोड़ते हुए योगी आदित्यानाथ ने बीती 19 मार्च को मुख्यमंत्री के पद के लिए शपथ ग्रहण किया. योगी के शपथ समारोह में केंद्र के कई बड़े नेता प्रधानमन्त्री मोदी के साथ एक ही मंच पर दिखे. योगी ने मुख्यमंत्री बनते हुए सामाज के सभी समुदायों और वर्गों के लिए कार्य करने की शपथ ली. इनके कैबिनेट में कुल 47 मंत्री शामिल हैं.

योगी ने मुख्यमंत्री बनने के साथ ही अपने फैसले सुनाने शुरू कर दिए है. उन्होंने उत्तरप्रदेश के लोगों के लिए कई बड़ी बातों का ऐलान किया है, जिसका वर्णन नीचे किये जा रहा है.

  1. योगी आदित्यनाथ ने बीजेपी के चुनावी घोषणापत्र में दिया गया अवैध कसाईखानों को बंद कराने के मुद्दे पर सबसे पहले दावा बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री बनते ही कई पुलिस कर्मचारियों को ये आदेश दिया है कि जल्द से जिल्द एक ऐसी योजना तैयार की जाए, जिसकी सहायता से उत्तरप्रदेश में चल रहे अवैध कसाईखाने बंद कराये जा सकें.
  2. योगी आदित्यनाथ स्वयं एक पुजारी और गौ सेवक हैं. उन्होंने राज्य के पुलिस प्रमुखों को आदेश दिया है, कि राज्य में होने वाले गाय की तस्करी पर जल्द से जल्द कार्यवाही करे. उन्होंने यह भी कहा है कि पुलिस को इस काम में आवश्यकता के अनुसार सख्ती बरतने की छूट है. इस कार्य के लिए उन्होंने 'जीरो –टॉलरेंस' की नीति अपनाने की बात कही.
  3. अपने मुख्यमंत्री बनने के दुसरे दिन ही उन्होंने उत्तरप्रदेश में लड़कियों को छेड़ने वाले मनचलों के विरोध में एक बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस को एक 'एंटी रोमियो स्क्वाड' नाम की टीम का गठन करने का आदेश दिया है. ये टीम लखनऊ के ग्यारह जिलों में तैनात की गयी है, जो मनचलों को सबक़ सिखाएगी. ये टीम लखनऊ के सभी स्कूलों और कॉलेजों के बाहर तैनात रहेगी.
  4. योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनते हुए एक और बहुत बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत किसी भी सरकारी कार्यालय में किसी कर्मचारी को पान या तम्बाकू खाने की इजाज़त नहीं होगी. सरकारी कार्यालयों के साथ ये फैसला स्कूल, कॉलेजों और अस्पतालों में भी लागू होता है. योगी ने सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है. उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के अनुसार पिछली सरकार के दौरान सभी सरकारी कार्यालयों में पान की पीक से इतनी गन्दगी फैलाई गयी थी कि वहाँ रहना मुश्किल लग रहा था.
  5. उत्तरप्रदेश सरकार की नयी कैबिनेट तैयार होने के साथ योगी ने कैबनेट के सभी मंत्रियों को उनके व्यक्तिगत सभी अचल एवं चल धन सम्पति का सारा ब्यौरा पंद्रह दिन के अन्दर उनके सामने लाने को कहा है. ये फैसला उत्तरप्रदेश सरकार के सभी सदस्यों को बुलाकर एक मीटिंग में लिया गया. इस मीटिंग में उत्तरप्रदेश सरकार के कुल 65 आधिकारिक सदस्य मौजूद थे.
  6. योगी आदित्यनाथ ने अपने कैबिनेट के सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि किसी भी मुद्दे पर बिना सोच समझे ग़ैर ज़रूरी और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान न दें. इस तरह के ग़ैर जिम्मेदाराना बयान से लोगों की भावनाएँ आहत होती हैं, और समाज में बहुत बुरा सन्देश जाता है, जिससे सरकार की छवि खराब होती है.
  7. योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के साथ ही केंद्रीय पर्यटन मंत्री महेश शर्मा से मुलाक़ात की, और अयोध्या में एक विशाल रामायण म्यूजियम के निर्माण की बात कही. ऐसा माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने इस काम के लिए अयोध्या में 25 एकड़ ज़मीन चुन ली है और केंद्र सरकार ने 154 करोड़ का फंड इस काम को पूरा करने के लिए देने की बात कही है.
  8. योगी आदित्यनाथ ने ग़ैर सरकारी सलाहकारों को नौकरी से हटाने का फैसला किया है. इन सलाहकारों के अतिरिक्त अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, निगम सदस्य, अनावश्यक समितियां और उनके सदस्य आदि भी शामिल हैं. समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने समय में ऐसे 80 सलाहकारों को नियुक्त कर रखा था, जो एक मंत्री को मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे.
  9. योगी आदित्यनाथ ने एक मीटिंग में सभी अधिकारियों को भारतीय जनता पार्टी का संकल्प पत्र दिया है और उस पर अमल करने को कहा है. मुख्यमंत्री के अनुसार लोकहित में तैयार किये गये भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र को ध्यान में रखते हुए ये सरकार अपना कार्य करेगी.
  10. योगी ने पुलिस अधिकारियों को लगातार सोशल मीडिया से जुड़े रहने का आदेश दिया है, जिसकी सहायता से पुलिस को जल्द से जल्द किसी घटना का पता चलेगा और पुलिस बिना समय गंवाए घटनास्थल पर पहुँच कर मामले में हस्तक्षेप कर सकेगी. योगी ने कहा ये राज्य में सांप्रदायिक शांति के लिए अतिआवश्यक है. साथ ही उन्होंने महिला सुरक्षा पर 'जीरो टोलेरेंस' की नीति अपनाने की बात कही है.
  11. योगी ने समाज से VIP कल्चर को हटाने के लिए एक बहुत बड़ा क़दम अपनाया है. उन्होंने अपने सभी मंत्रियों को आदेश दिया है कि वे अपनी निजी गाड़ियों में लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करेंगे. ये फैसला कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा भी पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लिया गया है.
  12. उच्च पदो पर आसीन नौकरशाहों को एक छोटी सी मुलाक़ात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये कह दिया है कि राज्य में न्याय और व्यवस्था एक हफ्ते में तात्कालिक हाल से अधिक विकसित होता दिखना चाहिए.
  13. इलाहाबाद में एक बसपा नेता की हत्या के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री ने डीजीपी जावेद अहमद को निर्देश दिया है, कि वे जल्द से जल्द अभियुक्तों को गिरफ्तार करे. साथ ही ये भी निर्देश दिया कि क्षेत्र के न्याय और व्यवस्था की रिपोर्ट पंद्रह दिनों में उनके सामने रखी होनी चाहिए.
  14. राज्य के मुख्यमंत्री ने सभी उच्च पदाधिकारियों को ये निर्देश दिया है कि वे जल्द से जल्द उन लोगों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करें, जो राज्य सरकार के दिशानिर्देश का पालन नहीं कर रहे है और अवैध कसाईखानों को अभी भी चला रहे हैं.
  15. भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में राममंदिर निर्माण का भी ज़िक्र है. योगी आदित्यनाथ का इस मुद्दे पर औपचारिक बयान नहीं आया है, किन्तु वे ऐसे कई लोगों से मिलते नज़र आ रहे हैं जो राम जन्म भूमि आन्दोलन से जुड़े हैं.
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