नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने एक बड़ा बयान दिया है। मोहसिन रजा का कहना है कि अगर मदरसों के छात्र और मौलाना भगवा वस्त्र पहनने लगें तो उनकी जिंदगी में उजाला आ जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा भगवा मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बनाया गया कलर नहीं है। वह अल्लाह की देन है।
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मशहूर टीवी चैनल एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए रजा ने कहा "मैं चाहता हूं कि मौलाना अपने बड़े-बड़े आलिमों से मिलें और उनसे पूछें की भगवा क्या है। भगवा प्रकाश का प्रतीक है जो ज़िंदगी में उजाला करता है। अगर वे लोग भी भगवा पहनने लगे तो उनकी ज़िंदगी में भी उजाला आ जाएगा।" रजा ने आगे कहा "अनेक धर्मगुरु भी भगवा पहनते हैं। इसलिए मुस्लिमों को भी भगवा पहनने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।"
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राज्यमंत्री ने इससे पहले एक अन्य बयान में मदरसा बोर्ड की इस एडवाइजरी का समर्थन किया है कि मदरसों में भी तिरंगा फहराकर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाए और राष्ट्रगान हो। इस दिन वहां के बच्चों को स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में बताया जाए। इतना ही नहीं नए सरकारी नियम के तहत अब गैर उर्दू भाषी भी मदरसे में टीचर बन सकेंगे। यह नियम कुछ मदरसे वालों को पसंद नहीं आया। उन लोगों को लगता है कि यह योजना बीजेपी समर्थकों को मदरसों में टीचर बनाने के लिए है।
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जब मोहसिन रजा से ये पूछा गया कि क्या वे मानते हैं कि मदरसों में भगवा यूनिफ़ोर्म हो। इस पर उन्होंने कहा "मुसलमान पहले से भगवा कलर पहनते हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को मानने वाले चिश्तिया सिलसिले के सूफी हमेश से भगवा पहनते हैं। उनसे पूछिये कि वो ऐसा क्यों करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में दो मजहबों में बढ़ते बंटवारों में रंग भी बंट गए हैं। अगर मन में मैल हो तो रंगों में भी मैल नजर आता है। कोई मुसलमान भगवा रंग पसंद भी कर सकता है, लेकिन जब योगी जी के मंत्री ऐसा कहें तो लोग इसमें पसंद से ज्यादा सियासत ढूंढ़ते हैं।