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बंगला विवाद: अखिलेश यादव ने दिया योगी को चुनौती, कहा- मैं टोंटी लौटाने को तैयार हूं, सरकार मेरा मंदिर और भगवान लौटाए

बंगला विवाद: अखिलेश यादव ने दिया योगी को चुनौती, कहा- मैं टोंटी लौटाने को तैयार हूं, सरकार मेरा मंदिर और भगवान लौटाए
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लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हाल में अपने सरकारी बंगले में कथित तोड़फोड़ को लेकर किए जा रहे प्रचार को उन्हें बदनाम करने की सरकारी साजिश करार देते हुए कहा कि हाल के उपचुनावों में मिली हार और विपक्षी दलों के गठबंधन से परेशान भाजपा ने यह ओछी हरकत की है. बंगले में तोड़फोड़ का मामला तूल पकड़ने के बाद सपा अध्यक्ष ने प्रेस कांफ्रेंस में सफाई दी और भाजपा पर जमकर बरसे. अखिलेश ने कहा कि इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा है कि हम अपने सरकारी बंगले को खाली करने के दौरान टोटियां खोल ले गए और फर्श का पत्थर तोड़ डाला. यह सरासर गलत और मुझे बदनाम करने के लिए ही किया गया है. इसमें कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी नंबर बढ़ाने की होड़ कर रहे हैं. सरकार मुझे बताए कि मैं कौन सी सरकारी चीज अपने साथ ले गया. मैंने जो चीजें अपने पैसे से लगवाई थीं, वह मैं ले गया. हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि इंवेंट्री क्या है. सरकार का कितना पैसा खर्च हुआ है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैं टोटी लेकर आया हूं. अगर सरकार को ये लगे कि कोई टोटी मैं लेकर चला गया हूं, सरकार गिनती बता दे, मैं पूरी की पूरी टोटी देने के लिए तैयार हूं.'



अखिलेश ने कहा कि भाजपा यह इसलिए कर रही है क्योंकि वह गोरखपुर और फूलपुर की हार स्वीकार नहीं कर पा रही है. यह समझ लें कि इस अपमान के लिए जनता उसे सबक सिखाएगी. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव मृत्युंजय कुमार नारायण का नाम लेते हुए कहा कि मीडिया यह बताए कि आखिर उसके पहुंचने से पहले बंगले में कौन अधिकारी पहुंचे थे. किसने वहां पर वीडियो बनाई और किसने चीजों को मीडिया में अपने मुताबिक फैलाया. जिस स्विमिंग पूल की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, वह तो बंगले में मौजूद ही नहीं है. अधिकारियों को याद रखना चाहिए कि सरकारें बदलती रहती हैं. अखिलेश ने बंगले में कथित तोड़फोड़ के मामले में कार्रवाई के लिए राज्यपाल द्वारा मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखे जाने पर सख्त टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया, 'गवर्नर साहब संविधान से नहीं चल रहे हैं. उनके अंदर आरएसएस की आत्मा है. राज्यपाल बहुत अच्छे इंसान हैं. उन्हें संविधान के हिसाब से बोलना चाहिए मगर संघ की आत्मा आ जाती है तो हम क्या करें.' उन्होंने मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रिश्वत मांग रहे थे. पुलिस ने कमाल कर दिया. इल्जाम लगाने वाले को एक ही दिन में पागल करार दे दिया. आप मुझ पर इल्जाम लगा रहे हो. कितने छोटे दिल के इंसान हो आप. मेट्रो के उद्घाटन में गए मगर पिछली सरकार का धन्यवाद नहीं दिया. आलमबाग बस अड्डे के लिए भी धन्यवाद नहीं दिया.' मालूम हो कि सोशल मीडिया पर इन दिनों कई तस्वीरें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा खाली किए गए बंगले की बताकर वायरल की जा रही हैं. उनमें चीजों को अस्त-व्यस्त दिखाया गया है. फर्श उखड़ा हुआ है और टोटियां तथा बिजली के स्विच निकले हुए हैं. इसे लेकर सोशल मीडिया पर अखिलेश की खूब आलोचना भी हो रही है.



वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है, 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. वे (अखिलेश) कह रहे हैं कि बंगले का नवीनीकरण उन्होंने अपने पैसे से कराया है. आयकर विभाग को देखना चाहिए कि उनकी (अखिलेश की) गणना सही है या नहीं. इससे बेहतर यह होगा कि वे (अखिलेश) इसकी जानकारी खुद ही दे दें कि उन्होंने पैसे का उपयोग कैसे किया और उसे यह पैसा कहां से मिला.' आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकजुटता की कोशिशों में जुटे अखिलेश यादव ने कहा कि देश का अगला नया प्रधानमंत्री बनाने में उनकी पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी लेकिन वह खुद इस पद का सपना नहीं देख रहे हैं. अखिलेश ने कहा, 'देश का अगला प्रधानमंत्री कौन बनेगा, इसमें सपा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.' उन्होंने कहा, 'सपा कार्यकर्ता मिलकर देश का नया प्रधानमंत्री बनाएंगे.' हालांकि अखिलेश ने यह भी स्पष्ट कहा कि वह पीएम नहीं बनना चाहते. उन्होंने कहा, 'हमारा कोई इतना बड़ा सपना नहीं है. हम यहीं उत्तर प्रदेश में रहना चाहते हैं.' सपा अध्यक्ष ने कहा कि हमने गठबंधन के नए रास्ते बना दिए हैं. इसी से तो भाजपा परेशान है. मालूम हो कि अखिलेश लोकसभा के आगामी चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन की भरसक कोशिश कर रहे हैं. बसपा तथा अन्य विपक्षी दलों की मदद से सपा ने गत मार्च में गोरखपुर और फूलपुर की प्रतिष्ठित लोकसभा सीटों के उपचुनाव जीते थे. इसके अलावा सपा ने हाल में हुए कैराना लोकसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल प्रत्याशी तबस्सुम हसन को समर्थन दिया था और वह चुनाव जीत गयी थीं. गठबंधन की हर मुमकिन कोशिश कर रहे अखिलेश ने हाल में यह भी कहा था कि वह लोकसभा चुनाव में बसपा के लिए दो-चार सीटों का त्याग करने को भी तैयार हैं.

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