बसपा सुप्रीमो मायावती ने भीम कोरेगांव के मामले पर भाजपा सरकार पर साधा निशाना

Update: 2018-01-05 04:26 GMT

 बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आरोप लगाया है कि "भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस" के 200वीं सालगिरह के मौके पर दलित समाज के लोगों पर "भगवा झंडाधारियों" द्वारा किया गया हमला, हिंसा व दंगा दलित स्वाभिमान को कुचलने का फासीवादी प्रयास है जिसके सम्बंध में दोषियों को सख्त क़ानूनी सजा देने के साथ-साथ इस शर्मनाक घटना की जितनी भी निंदा व भर्त्सना की जाये वह कम है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी की साजिश व संलिप्तता का ही परिणाम है कि उतर प्रदेश में सहारनपुर जिला के शब्बीरपुर गांव की तरह ही महाराष्ट्र में पुणे के भीमा कोरेगांव में जातिय संघर्ष कराने का प्रयास किया गया।



हालाँकि यह सर्वविदित था कि भीमा कोरेगांव शौर्य दिवस की 200वीं वर्षगांठ के मौके पर दलित समाज के लोग बहुत बड़ी संख्या में भीमा-कोरेगांव पहुंचने वाले हैं और आशा के अनुरूप लाखों दलित वहाँ शौर्य भूमि पहुँचे। उन लोगों को सुरक्षा व जनसुविधा देने के बजाय "भगवा ब्रिगेड" के लोगों ने इन्ही लोगों पर ही हमला कर दिया। ऐसा बीजेपी सरकार की साजिश व संरक्षण के बिना सम्भव ही नहीं है। इस मामलें में महाराष्ट्र सरकार द्वारा न्यायिक जाँच का आदेश सिर्फ दिखावटी है व लोगों की आँखों में धुल झोंकने का प्रयास है।

बी.एस.पी. प्रमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के महार समाज के लोग युद्धक रहे हैं और इसी कारण ब्रिटिशकाल में उन्होंने सेना में रहकर शौर्य अर्जित किया। यह सब इतिहास में किसी से छुपा नही है। इसी क्रम में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी, हर वर्ष पुणे के भीमा-कोरेगांव स्थित "शौर्य भूमि" जाकर हर वर्ष अपने बुजुर्गों व देश के वीर सैनिकों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आज से 200 वर्ष पहले युद्ध में अपनी शहादत दी थी।



इस वर्ष इसका विशेष आयोजन था, लेकिन जातिवादी लोगों को दलितों का यह आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का प्रयास पसन्द नहीं आया और उन्होंने हिंसा फैलाई और महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार खामोश तरशायी बनी रही। अगर राज्य सरकार इस मामले में थोडा भी संवेदनशील व जिम्मेदार होती तो यह भगवा-प्रायोजित हिंसा कभी नहीं होती।
इस घटना में मृतक युवक के परिवार के प्रति गहरा शोक व दुःख व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि मृतक परिवार की हर संभव मदद के साथ-साथ इस घटना में सभी लोगों की भी समुचित सहायता सरकार को तुरन्त करनी चाहिये तथा प्रथम दृष्टया दोषी लोगों के खिलाफ सख्त क़ानूनी तत्काल करनी चाहिये ताकि जातिवादी लोग ऐसी दुस्साहस दोबारा नही कर सकें लेकिन सरकार के रवैये को देखते हुये इसकी उम्मीद कम ही नजर आती है।

इस "भीमा कोरेगाँव शौर्य भूमि" का खासकर दलित समाज में विशेष महत्व है और इसी के मद्देनजर स्वयं परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर दिनांक 1 जनवरी सन् 1927 को यहाँ अपना श्रद्धा-सुमन अर्पित करने आये थे जिसके बाद से इस स्थल का महत्व ज्यादा बढ़ गया था।



उन्होंने कहा कि वैसे भी सर्वविदित है कि विभिन्न राज्यों में बीजेपी के वर्तमान शासनकाल में दलितों पर बर्बर जातिवादी व्यवहार व जुल्म-ज्यादिति आदि की जितनी भी दर्दनाक घटनायें राष्ट्रिय स्तर पर चिंता का कारण बनी हुई हैं उनमें से भी किसी मामलें में दलितों को न्याय नहीं मिल पाया है और ना ही दोषियों को सख़्त सजा ही मिल पायी है, जिसका ही परिणाम है कि बीजेपी के ऐसे जातिवादी तत्वों के हौंसले काफी ज्यादा बुलन्द हैं और वे लोग कानून-व्यवस्था को अपना बंधक बनाकर रखे हुये हैं, जो देश के लिये बड़ी शर्म व चिंता की बात है लेकिन फिर भी बीजेपी की सरकारें इससे बेपरवाह व गैर-जिम्मेदार बनी हुई हैं। इन मामलों में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का रवैया और भी ज्यादा लापरवाह दिखाई पड़ता है।
by  गौरव कांत जायसवाल 

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