लखनऊ, उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के नतीजे भाजपा छोड़कर किसी भी राजनीतिक दल के गले नहीं उतर रहे हैं खासकर नगर निगम में महापौर पद के नतीजे जिनमें भाजपा ने 16 में से 14 निगमों में कब्जा जमाया है। जबकि नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में भाजपा बुरी तरह से हार गयी है।.
जबकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा लगभग सभी निकायों और नगर पालिकाओं में जीती थी। ऐसे में भाजपा की जीत पर विपक्षी दल उंगली उठा रहे हैं और इसे ईवीएम का कमाल बता रहे हैं। बसपा ने भाजपा को खुली चुनती देते हुए कहा कि भाजपा में हिम्मत है तो 2019 के चुनाव बैलेट पेपर से करा क्र देखे।.
मायावती के इस बयान पर भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जवाब देते हुए कहा कि बसपा जहां चुनाव जीती है वहां से अपने मेयरों को इस्तीफा दिला दे और हम चुनाव आयोग से बैलेट पेपर से चुनाव कराने की सिफारिश करेंगे।.
योगी आदित्यनाथ के बयान पर के पलटवार करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने योगी आदित्यनाथ का चैलेंज स्वीकार करते हुए कहा कि वो चुनाव के लिए तैयार हैं बशर्ते भाजपा अपने सभी मेयरों से इस्तीफा दिलवाए और बैलेट पेपर से चुनाव करवा ले। बता दें कि, यूपी में पिछले महीने निकाय चुनाव हुए नीमें 16 में से 14 मेयर बीजेपी के चुने गए जबकि मेरठ और अलीगढ़ में बीएसपी जीत गई। चुनावी नतीजे आने के बाद मायावती ने एक बार फिर हार का ठीकरा ईवीएम मशीन पर फोड़ा। मायावती ने कहा कि अगर बीजेपी इतनी ही मज़बूत है तो फिर नगर पालिका और नगर पंचायत में उसे वैसी कामयाबी क्यों नहीं मिली? समाजवादी पार्टी भी बसपा के साथ खुलकर सामने आ गयी है। अखिलेश यादव भी ईवीएम के बदले बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि बीजेपी वाले ईवीएम में गड़बड़ी कर चुनाव जीत लेते हैं।.