लखनऊ : निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन सिर्फ नगर निगम के मेयर पद तक ही अच्छा रहा। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कही। उन्होंने कहा कि अन्य पदों पर भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ है, जबकि भाजपा इसे बड़ी जीत के रूप में प्रदर्शित कर रही है। मुलायम सिंह ने ये बातें दैनिक जागरण से बातचीत में बताईं। वह पूर्व मंत्री राम सकल गुर्जर के बेटे की शादी में शामिल होने नोएडा आए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी में सब ठीक है। सभी लोग संगठन के लिए काम कर रहे हैं। जिसकी बानगी निकाय चुनाव में मजबूत उपस्थिति के रूप में दिखी। मुलायम सिंह ने कहा कि आने वाले चुनावों में पार्टी की जीत का स्तर बढ़ता जाएगा। यहां पर बता दें कि नगर निगम में समाजवादी पार्टी को भले ही सफलता न मिली हो, लेकिन नगर पालिका और नगर पंचायतों में उसने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की 'दमदार वापसी' भारतीय जनता पार्टी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है। गौरतलब है कि नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों से साफ है कि सूबे की सत्ता की कमान हाथ में रहने पर ही भाजपा को छोटे शहरों में ज्यादा फायदा होता है। सत्ता गंवाने के बाद जहां पार्टी का निकायों में भी ग्राफ गिरने लगता है वहीं सत्ता मिलने ही पुराने रिकार्ड टूट जाते हैं।दरअसल, बड़े शहरों वाले नगर निगमों में भले ही भाजपा का प्रदर्शन पहले से बेहतर होता रहा है लेकिन, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में उसकी स्थिति पिछले दो चुनाव में पहले से और पतली ही हुई। पांच वर्ष पहले 2012 में सपा सरकार के दौरान हुए चुनाव में चूंकि सपा व बसपा मैदान में नहीं थी इसलिए माना जा रहा था कि भाजपा का नगर निगमों की तरह पालिका परिषद व नगर पंचायतों में भी प्रदर्शन बेहतर होगा लेकिन पालिका परिषद-पंचायतों में पार्टी, पूर्व वाली स्थिति भी बरकरार नहीं रख सकी थी। उससे पहले वर्ष 2006 में तत्कालीन मुलायम सरकार के दौरान हुए निकाय चुनाव में भी भाजपा, छोटे शहरों में पहले से कमजोर ही हुई थी। गौर करने की बात यह है कि 17 वर्ष पहले वर्ष 2000 में भाजपा सरकार के दौरान हुए निकाय चुनाव में पार्टी को पिछले दो चुनाव से कहीं बेहतर सफलता मिली थी। डेढ़ दशक बाद भाजपा के सूबे की सत्ता में वापसी के बाद हुए पालिका परिषद व नगर पंचायत के चुनाव में सफलता के भाजपा ने न केवल अपने पिछले सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं बल्कि अन्य विरोधी पार्टियों को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। भाजपा पहली बार पालिका परिषद व नगर पंचायत के रिकार्ड 1756 पदों पर जीत दर्ज कराने में कामयाब रही है। पार्टी को पिछले चुनाव में जहां 741 वहीं वर्ष 2006 में 1084 पर और 2000 के चुनाव में 1268 पदों पर ही सफलता मिली थी।