उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सरकारी बंगले में तोड़फोड़ मामले को लेकर मीडिया से मुखातिब हुए. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश के हाव-भाव बेहद ही आक्रामक थे, और वो उसी अंदाज में इस मामले को लेकर योगी सरकार, गवर्नर और अधिकारियों पर बरसे. अखिलेश ने सबसे पहले राज्यपाल राम नाइक पर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा, 'गवर्नर साहब अच्छे आदमी हैं. उन्हें संविधान के हिसाब से बोलना चाहिए, लेकिन कभी-कभी उनके अंदर आरएसएस की आत्मा आ जाती है तो क्या करें.' दरअसल बंगले में तोड़फोड़ मामले पर राज्यपाल ने ही कार्रवाई करने के लिए राज्य की योगी सरकार से सिफारिश की है. उसके बाद अखिलेश इशारों-इशारों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बरसे, अखिलेश ने कहा कि हमें तो पांच साल बाद लखनऊ में घर ढूंढना पड़ा, लेकिन इनको तो कभी भी खोजना पड़ सकता है.
ये क्या करेंगे? अखिलेश यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि घर की सुंदरता घर वालों से आती है. मैं चाहता हूं कि हमने जो बंगला खाली किया वो हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को मिलना चाहिए. पूर्व CM ने कहा कि आप थानो से पता करिये कि टोंटिया कौन निकाल ले जाता है. आपसे पहले वहां कौन गया था, किसी और ने तो टोंटिया नहीं निकाली. अखिलेश ने आरोप लगाया कि सरकार की शह पर दो अधिकारी मेरे घर पर पहले गए. इसकी जांच होनी चाहिए. अखिलेश ने कहा, 'आज जो अधिकारी बंगले में टोंटी खोज रहे हैं, वही अधिकारी मेरे सत्ता में आने के बाद चिलम खोजेंगे. इसके अलावा अखिलेश ने कहा कि मेरे बंगले में टोंटी टूटी नहीं थी.
फिर किसने ये खबर लीक की, आपने उस स्मैकिया को पकड़ा नहीं है.' बीजेपी पर बरसते हुए कहा कि यह हमेशा डिस्ट्रैक्ट के लिए जानी जाती है. अखिलेश ने कहा, 'मैं कई बार बोल चुका हूं, ये एक जेब अफीम रखते हैं. दूसरी जेब में क्लोरोफॉर्म. अब ये जो टोंटी है वो इनका क्लोरोफॉर्म के रूप में सामने आया है. अखिलेश की मानें तो उपचुनावों में हार के बाद से बीजेपी बौखला गई है और उनपर बेवजह बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं.